Crypto Currency News: पिछले 8 महीनों में 3300 से ज्यादा crypto currency खातों की निगरानी के बाद भारत की फाइनेंस इंटेलिजेंस यूनिट (Finance Intelligence Unit of India) ने इनके अवैध गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी हासिल की है. ऐसे संकेत हैं कि इन क्रिप्टो खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.

इसमें सामाजिक तनाव पैदा करने के लिए फंडिंग आदि भी शामिल है. फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने भारत और विदेशों में मौजूद क्रिप्टो एक्सचेंजों को यह जानकारी दी है. फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने क्रिप्टो एक्सचेंज को इन संदिग्ध क्रिप्टो खातों को बंद करने के लिए कहा है. भारत एग्मोंट समूह का सदस्य है, जो दुनिया के 166 देशों के आर्थिक खुफिया मॉडल का वैश्विक समूह है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में कहा, ‘इस साल अप्रैल से नवंबर तक 3300 क्रिप्टो खातों की जांच की गई है, जो विभिन्न अवैध गतिविधियों से जुड़े हुए हैं.

इन क्रिप्टो खातों का रिकॉर्ड ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई को सौंप दिया गया है. सुरक्षा एजेंसियों ने इन क्रिप्टो खातों को बंद करने का आदेश दिया है और कहा है कि भारत में सक्रिय क्रिप्टो एक्सचेंजों से संपर्क कर उन्हें क्रिप्टो खातों पर नजर रखने के लिए भी कहा जा रहा है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि इन सभी खातों से किए जा रहे लेन-देन मादक पदार्थों की तस्करी, नकदी शोधन, अश्लील साहित्य और वन्यजीव तस्करी जैसी गतिविधियों के लिए किए जा रहे हैं. डिजिटल संपत्ति की निगरानी करने वाली 3 क्रिप्टो फर्म भी जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं. उनकी मदद से इनमें से कई खातों की पहचान की गई है.

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने साल 2019 से 2021 के बीच क्रिप्टो करेंसी की मदद से करीब 28,000 करोड़ रुपए के ड्रग ट्रांजेक्शन का खुलासा किया था. अधिकारी ने बताया कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने क्रिप्टो करेंसी डिपॉजिट के मामले में कई ऐसे ट्रांजैक्शन का भी पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल समाज में तनाव फैलाने और विरोध आदि के लिए किया जा रहा है.

बीते दिनों क्रिप्टो करेंसी की मदद से सामाजिक वैमनस्य फैलाने की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय है. इनमें से ज्यादातर खातों से लेन-देन डार्क वेब पर किया जाता है. जांच एजेंसियों द्वारा तकनीक के इस्तेमाल और विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के कारण उन्हें इस तरह के लेनदेन को रोकने में काफी मदद मिल रही है.