रायपुर-शिक्षाकर्मियों की कल होने वाली महाबैठक से पहले राज्य शासन ने शिक्षाकर्मियों के लिेय एक बड़ा पासा फेंका है.इसके तहत आज आनन-फानन में मजदूर दिवस के दिन यानि 1 मई को मुख्य सचिव ने शिक्षाकर्मियों की एक बैठक बुलाई है.इस बैठक में संविलियन को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि संविलियन में लगातार हो रही देरी से नाराज शिक्षाकर्मियों ने कल मंगलवार को महाबैठक बुलाई है,जिसमें 1 मई को सरकार के साथ होने वाली बैठक को लेकर भी रणनीति स्पष्ट हो जायेगी.मुख्य सचिव के बुलावे पर शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि इस बार चाय-बिस्किट वाली बैठक नहीं,बल्कि आर-पार की चर्चा की जायेगी.संविलियन को लेकर बनी कमेटी के द्वारा भेजे गए सदस्य राजस्थान दौरे के जरिए भी वहां की व्यवस्था का अध्ययन कर आ चुके हैं. माना जा रहा है कि अध्ययन दल भी अपनी रिपोर्ट इसी हफ्ते सौंप सकता है.
वहीं शिक्षाकर्मी संघ का कहना है कि कमेटी को वही सब तथ्य हाथ लगे होंगे, जो संघ ने पिछले साल अगस्त क्रांति के दौरान दस्तावेजों के रूप में प्रशासन को सौपें थे.संविलियन समेत विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए शिक्षाकर्मियों की हड़ताल के बाद 4 दिसंबर 2017 को 3 माह के लिए एक कमेटी का गठन किया गया गया था. लेकिन इस कमेटी की अवधि 2 बार 1-1 महीने के लिए बढ़ चुकी है, बावजूद इसके अब तक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. कमेटी की अनुशंसा बाहर नहीं आई है, इसीलिए सरकार और शासन को टाइम लिमिट दिया जाएगा.शिक्षाकर्मियों को छत्तीसगढ़ में हो रहे विलम्ब से यह चिंता सताने लगी है कि कोई निर्णय हुआ भी तो उसका उन्हें लाभ भी मिल पाएगा या नहीं. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने संविलियन की घोषणा जनवरी में ही कर दी थी, जहां संविलियन प्रक्रिया अंतिम चरण में है और अलग-अलग जिले में सम्मेलन आभार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.वहीं छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी विरोधी आदेश लगातार जारी हो रहे हैं, जिससे शिक्षाकर्मियों में जबरदस्त नाराजगी है, जो कि मीडिया के कई सर्वे में भी नजर आ चुका है. इसके बावजूद भी सरकार और शासन-प्रशासन शिक्षाकर्मियों की समस्याओं को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर कल की महाबैठक में शिक्षाकर्मी मोर्चा बड़ा फैसला ले सकता है. संविलियन की मांग को लेकर शिक्षाकर्मी अब आर-पार की लडाई के मुड में हैं,जिस तरह बार-बार संविलियन की मांग को सरकार टालती आ रही है,उससे शिक्षाकर्मियों में जबरदस्त नाराजगी है, जो कि मीडिया के कई सर्वे में भी नजर आ चुका है. इसके बावजूद भी सरकार और शासन-प्रशासन शिक्षाकर्मियों समस्याओं को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर कल की महाबैठक में शिक्षाकर्मी मोर्चा बड़ा फैसला ले सकता है.