Currency of India: नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से नोटों को छांटने वाली मशीनों की हरेक तिमाही में शुद्धता परखने को कहा ताकि निर्धारित मानकों के अनुरूप नोटों का चलन सुनिश्चित किया जा सके. नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद आरबीआई ने 200, 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. इसके अलावा अन्य मूल्य वाले नोटों की नई श्रृंखला भी जारी की गई थी.
इस जांच में डॉग इयर्स करेंसी (मुड़े कोनों वाले नोट), कई परतों में मुड़े हुए, बदरंग और टेप या गोंद से चिपके नोट भी अनफिट मानकर प्रचलन से बाहर कर दिए जाएंगे. यह निर्देश रिजर्व बैंक के चीफ जनरल मैनेजर संजीव प्रकाश ने शुक्रवार को जारी किए हैं.
आरबीआई ने कहा, एक नोट को दोबारा इस्तेमाल में लायक तभी माना जा सकता है जब वह ‘फिटनेस’ के सभी मानकों पर खरा उतरे।इसी के साथ आरबीआई ने बैंकों में नकदी की गिनती के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों के लिए भी कुछ मानदंड निर्धारित किए हैं। ये मशीनें संदिग्ध एवं जाली नोटों की शिनाख्त कर पाने में सक्षम होनी चाहिए ताकि उन्हें चलन से बाहर किया जा सके। आरबीआई ने कहा, बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नोटों की छंटनी करने वाली मशीनों की सटीकता एवं निरंतरता का तिमाही आधार पर परीक्षण होता रहे। अगर जरूरी लगे तो उन्हें बदल दिया जाए। बैंक अधिकारियों को इसका रिकॉर्ड भी रखना होगा।
फिटनेस के 11 मानक
● मुड़े कोनों वाले नोट (डॉग इयर्स करेंसी)
● कई परतों में मुड़े हुए नोट
● मोड़ने से आकार विकृत नोट
● धुलने से बदरंग हुए नोट
● टेप, कागज या गोंद से चिपकाए हुए नोट
● दोनों ओर पूरी तरह गंदे नोट
● पहचान चिन्हों में विकृति वाले नोट
● जरा भी फटे हुए नोट
● छेद वाले नोट
● दाग वाले नोट ● चित्रकारी वाले नोट