स्पैम कॉल (spam calls) और मैसेज से निपटने के लिए ट्राई (TRAI) एक नए सिस्मट पर काम कर रही है. इस सिस्टम के तहत कंज्यूमर्स को एक इकोसिस्टम मिलेगा, जिसकी मदद से यूजर्स टेलीमार्केटिंग कॉल्स से बच सकेंगे. अथॉरिटी एक जॉइंट एक्शन प्लान पर भी काम कर रही है, जिससे फाइनेंशियल फ्रॉड्स को रोका जा सके.

ट्राई (TRAI) ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि अनपेक्षित वाणिज्यिक संचार (UCC) या अवांछित कॉल (unwanted calls), या SMS जनता के लिए असुविधा का एक प्रमुख स्रोत हैं और ये लोगों की गोपनीयता को प्रभावित करता है. दूरसंचार नियामक ने कहा कि ‘अब ऐसी गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटिंग इकाइयों (यूटीएम) के खिलाफ शिकायतें दर्ज की जाती हैं, जिनके मामले में यूसीसी SMS में उछाल देखा गया है. साथ ही यूसीसी कॉल भी उन चिंताओं में से एक हैं जिनसे यूसीसी एसएमएस के साथ समान रूप से निपटने की आवश्यकता है.’.

मैसेज-कॉल के लिए ग्राहकों से लेनी होगी अनुमति

फेक कॉल और मैसेज के खतरे को रोकने के लिए, ट्राई ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस-2018 (Telecom Commercial Communications Customer Preference Regulations-2018) भी जारी किया. जिसने ब्लॉकचेन (डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी-डीएलटी) पर आधारित एक इकोसिस्टम बनाया गया है. ये रेगुलेशन सभी वाणिज्यिक प्रमोटर्स और टेली मार्केटर्स को DLT प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करने और उनकी पसंद के समय और दिन पर विभिन्न प्रकार के प्रचार मैसेज प्राप्त करने के लिए ग्राहक सहमति लेने के लिए अनिवार्य करता है.

ग्राहकों के समय के हिसाब से आएंगे कॉल्स और SMS

यानी ग्राहकों को मैसेज करने के लिए ग्राहक से मंजूरी लेना आवश्यक होगा. उनकी मर्जी के दिन और समय पर ही मैसेज भेजे जा सकेंगे. साथ ही मैसेज भेजने का फॉर्मेट भी तय किया गया है. बता दें कि अब तक लगभग 2.5 लाख एंटिटीज ने डीएलटी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है. जिसमें 6 लाख से ज्यादा हेडर्स और लगभग 55 लाख मैसेज टेम्पलेट शामिल हैं. ट्राई की मानें तो इस फ्रेम वर्क के बाद कस्टमर्स की शिकायतें कम हुई हैं. हालांकि, नॉन-रजिस्टर्ड पेस्की कॉल्स से अभी भी लोग परेशान हैं. इन कॉल्स को रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

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