रायपुर। बीजेपी की राष्ट्रीय महामंत्री और छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के एक गांव में महिलाओं द्वारा शराबबंदी नहीं होने से परेशान और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पर्व तीजा नहीं मनाने के निर्णय को कांग्रेस सरकार के लिए शर्मनाक बताया हैं. उन्होंने कहा कि जब एक बेटी, एक बहन अपने पारंपरिक पर्व तीजा जिसका की अपने आप में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और नारी सम्मान के साथ ऐतिहासिक महत्व हो ऐसे पर्व को मनाने से इंकार कर दे, तो सहज ही समझा जा सकता हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं को लेकर कितनी लापरवाह हैं.

प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि छत्तीसगढ़ में महिलाएं शराब से परेशान हैं. पारंपरिक तीजा पर्व तक मनाने से इनकार कर रही हैं. कब होगी शराबबंदी ? उन्होंने कहा कि इससे शर्मनाक स्तिथि किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए नहीं हो सकती कि प्रदेश की बहन बेटी सिर्फ इसलिए पारंपरिक पर्व को मनाने से इनकार कर दें कि शराब ने उन महिलाओं व उनके परिवार का जीवन बुरी तरह से प्रभावित कर दिया हैं. गांव गांव में शराब की धड़ल्ले से बिक्री और उससे बेटियों को होने वाली परेशानी और पीड़ा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि तीजा पर्व में बेटियों को मायके लाया जाता हैं. जब वही बेटियां अपने मायके जाने से मना कर दें, बेटियों को मायके लाने से मना कर दिया जाये तो शराबबंदी और नारी सुरक्षा की बात करने वाली कांग्रेस की सरकार को एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं हैं.

डी. पुरंदेश्वरी ने कहा कि महिलाओं की शिकायत हैं कि उनके परिवार बर्बाद हो रहे हैं उनके बच्चों को भी शराब की लत अपने गिरफ्त में ले रही हैं. गांव गांव में विभिन्न सुविधओं के साथ शराब उपलब्ध हो रही हैं. चावल के बदले भी छत्तीसगढ़ में शराब उप्लब्ध करवाई जा रही है यह सब छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में तब चल रहा हैं जब कांग्रेस पूर्ण शराबबंदी का वादा कर सरकार में आयी हैं और लगातार शराब को लेकर जनता परेशान हैं विशेष रूप से महिलाओं में आक्रोश भी है. वे इसकदर परेशान हैं कि तीज जैसा पर्व भी नहीं मना पा रही हैं. यह अपने आप में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को सहेजने और उसकी रक्षा करने में विफल प्रदेश सरकार का एक प्रमाण मात्र हैं. पूरे प्रदेश में बीते 32 महीनों में ऐसी ही स्तिथि निर्मित होती प्रतीत हो रही हैं.

भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री डी. पुरंदेश्वरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल करते हुए कहा कि यदि छत्तीसगढ़ की महिलाएं अपना पारंपरिक पर्व नहीं मना सकती, अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुरूप अपने मायके नहीं जा सकती तो मुख्यमंत्री निवास में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को बुला कर कार्यक्रम कर छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का दिखावा करने का क्या औचित्य रह गया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताना चाहिए ? उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की बहन बेटी ही खुश नहीं हैं, छत्तीसगढ़ में शराब से बहन बेटियां परेशान हैं. अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं ऐसे में दिल्ली की बहनों के साथ तीजा मना कर चेहरा चमकने से बेहतर होगा कि तीजा पर्व पर शराबबंदी की घोषणा कर कांग्रेस शराबबंदी का वादा पूरा करे.

उन्होंने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सुरक्षा पर भी सवाल उठाया कहा कि जब बेटियां मायके जाने से डरे और बेटियों को लाने से पूर्व डर का वातावरण हो तो छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था का हाल समझा जा सकता हैं. महिलाओं के साथ अनाचार, सामूहिक दुष्कर्म के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन चुका हैं और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास में जश्न मना कर शक्ति प्रदर्शन में लगे हैं यह अशोभनीय हैं.

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