विज्ञान के इस युग में जब मानव मंगल ग्रह पर भी कदम रख चुका है और चांद पर प्लाट खरीदने की तैयारी में है, ऐसे में आज भी गांवों में छुआछूत और ऊंची-नीच जाति प्रथा व्याप्त है। इसी कड़ी में गांव के दबंगों ने एक दलित दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा में बारात निकली और कलेक्टर-एसपी की मौजूदगी में शादी हुई।

मनीष राठौर, राजगढ़। जिले के खिलचीपुर के पास पिपलियाकला गांव में दबंगों ने दलित की बारात को गांव में आने से रोक दिया। दबंगों ने कहा कि यह गांव की पुरानी परंपरा है कि दलित परिवार का दूल्हा घोड़ी पर नहीं बैठेगा, लिहाजा बिना दुल्हन के बारात लौट गई।

जानकारी के अनुसार रविवार रात में लगभग 10 बजे दलित दूल्हे की बारात पहुंचने वाली थी। दबंगों ने गांव से पांच किलोमीटर पहले बारात को रोक दिया। मजबूरी में बारात वापस लौट गई। जब इसकी जानकारी पुलिस को लगी तो बल के साथ गांव पहुंची। पुलिस को देखकर दबंगों की भीड़ ने पुलिस वाहन पर पथराव कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर किसी तरह भीड़ को नियंत्रित किया।

इस घटना के बाद कलेक्टर और एसपी फोर्स के साथ छापीहेड़ा से जीरापुर होकर बारात लेकर पहुंचे। फिर कलेक्टर-एसपी की मौजूदगी में गांव में शादी संपन्न हुई। समाचार के लिखे जाने तक गांव में पुलिस बल तैनात है। वहीं पुलिस ने 20 लोगों पर मामला दर्ज किया है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आदिवासी महिला के घर बेर खाये थे। ये वहीं गांव है जहां मामा ने उसकी सुरक्षा का जिम्मा लिया था।

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