दुर्ग. निवेशक को मैच्योरिटी राशि का भुगतान नहीं करना सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड को भारी पड़ गया. ग्राहक की शिकायत पर कंपनी को व्यवसायिक कदाचरण और सेवा में निम्नता के लिए जिम्मेदार करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने 4 लाख 21 हजार रुपये हर्जाना अदा करने का आदेश पारित किया.

क्या है मामला

भिलाई 3 चरोदा निवासी परिवादी उमाशंकर पाल ने सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड की भिलाई 3 शाखा प्रबंधक पर विश्वास कर कंपनी के क्यू शॉप प्लान एचपी की चार पॉलिसियाँ वर्ष 2012-13 में ली थी. अनावेदक कंपनी के बताए अनुसार 6 वर्ष में रकम दुगुनी होकर मिलनी थी. परिपक्वता के बाद परिवादी ने सभी आवश्यक दस्तावेजों को जमा कर अपनी मैच्योरिटी रकम की मांग की, लेकिन अनावेदक कंपनी के शाखा कार्यालय ने कहा कि मुख्य कार्यालय से चेक नहीं आया है और दो-चार महीने समय लगेगा. बार-बार चक्कर काटने पर भी राशि नहीं मिलने से परिवादी ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग के समक्ष शिकायत की एवं अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भी जारी करवाया, लेकिन उसे उसकी मैच्योरिटी रकम नहीं मिली. फोरम की नोटिस मिलने के बाद अनावेदकगण के अधिवक्ता प्रकरण में उपस्थित हुए, उनकी ओर से कोई प्रतिरक्षा नहीं ली गई.

फोरम का फैसला

अनावेदक कंपनी द्वारा प्रकरण में बचाव नहीं लिए जाने से परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने अनावेदक कंपनी को उपभोक्ता के प्रति व्यवसायिक कदाचरण और सेवा में निम्नता का जिम्मेदार माना.

जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने कंपनी पर 4 लाख 21 हजार रुपये हर्जाना लगाया, जिसमें परिपक्वता राशि 400300 रुपये, मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 20000 रुपये तथा वाद व्यय 1000 रुपये अदा करने का आदेश दिया, उक्त राशि पर 7.50% वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा.