अमृतसर। दमदमी टकसाल के प्रमुख संत हरनाम सिंह खालसा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. दमदमी टकसाल मेहता में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी साझा की गई. इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी द्वारा 6 जून को श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यक्रम में ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज को संदेश पढ़ने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए उन्हें खुद वहां जाना पड़ेगा, क्योंकि यह जत्थेदार न तो उन्हें और न ही सिख कौम को स्वीकार्य है.

हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि ऐसे जत्थेदार को किसी को सजा देने या आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. उनकी ताजपोशी रात के अंधेरे में हुई है. ऐसे फैसलों से शिरोमणि कमेटी सिख कौम को टकराव की ओर ले जा रही है. हालांकि शिरोमणि कमेटी का काम कौम के विभिन्न पहलुओं को संभालना है, लेकिन इसके तहत लिए गए ऐसे फैसलों के विरोध में हम खड़े होंगे.
उन्होंने कहा, “दूसरी बात, शिरोमणि कमेटी और शिरोमणि अकाली दल दोनों एक ही जमात हैं. हम 11 जून को गांव बादलके में पहुंचकर धरना देंगे और शिरोमणि अकाली दल व शिरोमणि कमेटी की गलत नीतियों का विरोध करेंगे.”
इसके अलावा, जो जत्थेदार कौम को स्वीकार्य नहीं है, उसे फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने हमेशा सिख मर्यादा और परंपरा के पक्ष में आवाज उठाई है और आगे भी उठाते रहेंगे. पंथ हितैषी फैसलों के समर्थन में वे हमेशा खड़े हैं, क्योंकि दमदमी टकसाल हमेशा कौम को एकजुट करने और पंथ हितैषी कार्यों में अग्रणी रही है. शिरोमणि कमेटी पंथक जमातों को एकजुट करके नहीं चल रही है.
जत्थेदार की नियुक्ति को लेकर उन्होंने कहा कि जत्थेदार साहिबान की नियुक्ति पूर्ण विधि-विधान के साथ होती है, लेकिन ज्ञानी गरगज की नियुक्ति रात के अंधेरे में, मर्यादा और सिद्धांतों के खिलाफ हुई है. कौम उन्हें जत्थेदार के रूप में स्वीकार नहीं करती. इसलिए हम 6 जून को श्री अकाल तख्त साहिब पर ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज को संदेश पढ़ने नहीं देंगे.
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