बीडी शर्मा, दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह के मिशन अस्पताल में हुई 7 मौतों के मामले में फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम की रिमांड का आज चौथा दिन है। दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने खुलासा करते हुए बताया कि जांच के दौरान फर्जी डॉक्टर के प्रयागराज स्थित घर पर दोबारा सर्चिंग की गई। जिसमें पूरी की पूरी फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने की एक लैब बरामद की गई है।  जिसमें कई फर्जी डॉक्यूमेंट प्रिंटर, सीले, डॉक्यूमेंट बनाने वाले पेपर, आधार कार्ड, और कई आईडी कार्ड भी बरामद हुए हैं।

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वहीं कानपुर स्थित डॉक्टर के परिवार से भी पुलिस ने पूछताछ की है। दमोह एसपी की माने तो फर्जी डिग्री की एक एफआईआर 2013 में नोएडा में इसी डॉक्टर के खिलाफ की गई थी। इसके बाद से यह फरार बताया जा रहा था। इस बात को लेकर नोएडा पुलिस से दमोह पुलिस का पत्राचार लगातार जारी है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि फर्जी डॉक्टर पहले भी देश के कई हिस्सों में फर्जी डॉक्टरी कर चुका है और लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। 

यह है पूरा मामला 

दमोह मिशनरी अस्पताल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक शख्स ने डॉ. एन जॉन केम के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की। उसने जनवरी-फरवरी 2025 में 15 से ज्यादा हार्ट सर्जरी की, जिनमें से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। जांच में पता चला कि उसकी डिग्री और अनुभव पूरी तरह से फर्जी थे।आरोपी फर्जी डॉक्टर एन. जान केम लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज भाग गया था। जिसके बाद एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने एक टीम प्रयागराज भेजी और आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी डॉक्टर को रिमांड पर लिए आज चार दिन हो गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

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