शब्बीर अहमद, भोपाल। कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट को विशेषज्ञ खतरे की घंटी बता रहे हैं। एमपी में इस खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है। पूर्व चिकित्सा अधिकारी एसके सक्सेना का कहना है कि कोविड का यह नया वैरियंट तीसरी लहर की आहट है । जो काफी तेजी से फैलता है।

एसके सक्सेना ने चेतावनी दी है कि नए वेरिएंट की वजह से तीसरी वेव, पहली और दूसरी लहर से पूरी तरह अलग होगी । जो पहले से भी ज्यादा खतरनाक है । विडंबना तो यह है कि डेल्टा प्लस शरीर के लिए ज्यादा घातक है, लेकिन इसकी पहचान करना मुश्किल होता है।

लक्षणों का नहीं चलता पता

इस वेरिएंट की खास बात यह है कि इसमें लक्षणों का पता नहीं चलता है। जब तक मरीज के शरीर में इस वैरियंट का असर नहीं होगा, वे सतर्क नहीं होंगे, लेकिन अंदर ही अंदर यह पूरी बॉडी में प्रवेश कर जाएगा। खतरा इस बात का है कि सिम्टम्स पता नहीं होने के कारण इससे निपटने की पहले से तैयारी नहीं की जा सकती है।

वैक्सीन कितनी कारगर होगी?

चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वैक्सीन ले चुके शख्स पर यह कितना प्रभावी होगा, इस बारे में अभी भी संशय बना हुआ है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के खतरे के निशान काफी आगे तक जा रहे है। उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट से बचने तरीका सिर्फ मास्क, सैनिटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग है।

राजधानी से सामने आया पहला केस

बता दें कि राजधानी भोपाल के बड़खेड़ा पठानी में रहने वाली 65 वर्षीय महिला में ये वेरिएंट मिला है। वायरस का नया वेरिएंट मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि एनसीडीसी में जांच के लिए सैंपल गए थे, जिसमें एक सैंपल में कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है।

डेल्टा वैरियंट का म्यूटेशन

बता दें डेल्टा प्लस वेरिएंट कोरोना के डेल्टा वैरियंट का म्यूटेशन है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोग वायरस के डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आए थे। दूसरी लहर में भारत में हुई बड़ी संख्या में मौतों के लिए डेल्टा वैरिएंट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट ही म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस बन गया है।