नई दिल्ली। पिछले साल की तरह ही इस साल भी दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. सरकार के साथ-साथ विशेषज्ञों की नींद इस खतरनाक पॉल्यूशन ने उड़ा दी है. प्रदूषित हवा के कारण पूरे दिल्ली के आसमान में धुंध छाई हुई है.
स्मॉग और पॉल्यूशन के कारण आज दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में 5वीं कक्षा तक के बच्चों की छुट्टी कर दी गई है. आप भयावह हालातों का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि कल प्रदूषण के कारण कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम हो गई और पीएम 2.5 और 10 का लेवल 15 गुणा बढ़ गया.
वहीं एयर स्वालिटी इंडेक्स जो नवंबर 2016 में 401 था, वो 448 पर पहुंच गया.
दिल्ली-एनसीआर का सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाका
- गाजियाबाद का वसुंधरा इलाका- प्रदूषित हवा का स्तर 493
- दिल्ली का शादीपुर इलाका- प्रदूषित हवा का स्तर 486
खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण का कारण
सर्दियां शुरू हो गई हैं, जिसके कारण अलाव जलाए जा रहे हैं. इसके कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है. वहीं खेती-बाड़ी के अवशिष्टों को जलाया जा रहा है. खासतौर पर पंजाब, हरियाणा, यूपी में पराली को जलाए जाने के कारण दिल्ली में भी पॉल्यूशन के स्तर में बढ़ोतरी हो गई है. वहीं दिल्ली-एनसीआर में तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है. लोग निजी वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रदूषण को देखते हुए सरकार फिर से ऑड इवन के विकल्प पर विचार कर रही है.
सड़कों की धूल के साथ ही निर्माण कार्यों के कारण भी पॉल्यूशन है. सबसे बड़ी वजह पॉल्यूशन की है- इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन. इंडस्ट्रीज से निकलने वाले केमिकल, धुएं और अवशिष्टों के कारण प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.