पंकज भदौरिया, दन्तेवाड़ा। आश्रम शाला की लापरवाही दन्तेवाड़ा जिले में सामने आई है. यहां के बालक आश्रम गोमपाल में कक्षा ५ वी के अध्ययनरत छात्र लक्ष्मण नेताम रविवार सुबह आश्रम में भोजन पकाते वक्त चावल के माड़ से बुरी तरह पैर पर जल गया. लेकिन चार दिन तक उसका इलाज आश्रम प्रबंधन ने नहीं कराया. जब ये बात बच्चे के पिता को पता चली तो वे फौरन आश्रम पहुंचे और अपने बेटे को कंधे पर बिठाकर 7 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल ले जाने के लिए निकल गए.

रास्ते में मीडिया वालों ने लक्ष्मण के पिता को अपनी बाइक पर बिठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. बच्चे का उपचार जारी है. इधर घटना से अनभिज्ञ बने आश्रम शाला में जब मीडियाकर्मियों ने घटना को जानना चाहा तो बेहद ही चौकाने और लापरवाही भरे नजारे निकलकर सामने आया. आश्रम प्रबंधन का कहना है कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है.

घटना की खबर मिलते ही खण्ड शिक्षा कार्यलय से एबीईओ गिरेन्द्र सुधाकर तत्काल आश्रम में पहुँचे पर आश्रम में आश्रम अधीक्षक और एक टीचर को छोड़ बहुत से कर्मचारी नदारत थे. 132 छात्रों के इस आश्रम में कक्षा ५ वी में 34 छात्र दर्ज है. जिसमे से 18 छात्र उपस्थित थे. लेकिन क्लास शिक्षक की लापरवाही देखिए उसने उपस्थिती पंजी में सभी बच्चों को प्रजेंटेशन चढ़ा रखी थी.

इतना ही नही जब कक्षा ५ वी के छात्र महेंद्र,राजेश,हिमांशु से लक्ष्मण के जलने कि वजह पूछी गयी तो छात्रों ने बताया कि इतवार की सुबह जब कोई रसोईया नही आया था छात्र ही खाना बना रहे थे जिससे लक्ष्मण के साथ ये हादसा हुआ. छात्रों ने बताया कि अक्सर जब रसोईया नही आते है तो उन्हें ही भोजन बनाना पड़ता है.

जबकि आश्रम में चार रसोईया नियुक्त हैं. शिक्षक उपस्थिती पंजी में कई शिक्षक ऐसे भी दिखे जो हफ़्तों से नदारत है पर उनकी हाजिरी लगी हुई है.