पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा। आत्मसमर्पित नक्सली डिप्टी कमाण्डर सोमडू वेट्टी उर्फ नवीन के निशानदेही पर सुरक्षाबल के जवानों ने माओवादियों के सप्लाई नेटवर्क की 2 लाख रूपए नगद, नक्सल वर्दी और अन्य सामग्री एक पेड़ से बरामद किया है. वहीं इधार जवानों ने कमरगुड़ा में कैम्प लगाते ही सामुदायिक पोलिसिंग बढ़ाकर कर्रेपारा में सिविक एक्शन प्लान चलाकर ग्रामीणों को दैनिक जरूरत का सामान बांटा.

एक इनामी सहित 5 नक्सलियों ने कल दंतेवाड़ा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. जिसमें दरभा ड़िवीजन डीव्हीसी दलम सुरक्षा का प्लाटून सेक्शन डिप्टी कमाण्डर सोमडू वेट्टी उर्फ नवीन (22 वर्ष) से पूछताछ पर नक्सली सप्लाई नेटवर्क के कमलेश ( एलओएस कमाण्डर), मंगतू (कटेकल्याण एरिया कमेटी सचिव), सोमडू (मलांगिर एरिया कमेटी सचिव), संजू (कांगेरवेली एरिया कमेटी डीव्हीसीएम), उमेश उर्फ सुरेश के बारे में जानकारी प्राप्त हुई.

पूछताछ में छिपाकर रखे गए नक्सली सप्लाई के एक बैग से 2 लाख रूपए, नक्सलियों के वर्दी, वर्दी के कपड़े, नक्सली साहित्य, बिजली का तार इत्यादि सामग्री बरामद हुआ. सोमडू के बताए अनुसार प्रदीप, कमलेश के साथ हथियार और राउण्ड खरीदने के लिये छत्तीसगढ़ से बाहरी प्रांत जाने के फिराक में थे. कल प्रेस कांफ्रेंस में दी गई जानकारी की गलत व्याख्या के कारण कुछ समाचार पत्रों में रायपुर से एके-47 हथियार खरीदी जाने की बात प्रकाश में आई, जो कि गलत है. सोमडू से पूछताछ में और अधिक खुलासे होने की संभावना है.

जवानों ने चलाया सिविक एक्शन प्लान

वहीं दंतेवाड़ा से जगरगुंडा सड़क को जोड़ने के लिए पुलिस ने कमारगुड़ा में एक नया पुलिस कैम्प खोलकर सुरक्षा के साथ सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है. इन सबके साथ ही कमारगुड़ा के आसपास ग्रामीणों से मेल मिलाप बढ़ाने के लिए ग्रामीणों के बीच पहुँचकर जवान सिविक एक्शन प्लान चलाकर दैनिक जरूरत के सामान ग्रामीणों के हाथों में बांट रहे है. कर्रेपारा में ग्रामीण महिलाओं को डिब्बे, कपड़े, चप्पल, छाते जवानों ने बांटे.

कमारगुड़ा से जगरगुंडा महज 6 किलोमीटर दूर है. जिसे दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा खोलने की जंग लम्बे समय से चल रही है. नक्सलियों की अघोषित राजधानी जगरगुंडा को ही माना जाता है. इस इलाके में हमेशा से नक्सलियों का वर्चस्व कायम रहा है. लेकिन जिस तरह से दंतेवाड़ा की तरफ से पालनार, समेली,अरनपुर, कोड़ापारा,जुड़वा नाले के बाद कमारगुड़ा में नया सीआरपीएफ और पुलिस कैम्प तैनात कर दिया गया है, तो निश्चित ही आने वाले दिनों में 2005 से बंद जगरगुंडा सड़क फिर से गुलजार हो जाएगी. साथ ही लम्बे समय से नक्सलवाद का दर्द झेलते जगरगुंडा के आसपास की 10 से अधिक पंचायते सीधे दंतेवाड़ा मुख्यालय से भी जुड़ जाएंगे. जो नक्सलवाद में अब तक की सबसे बड़ी जीत सरकार के लिए होगी.