पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए आईईडी विस्फोट की घटना के बाद दंतेवाड़ा में भी नक्सली आईईडी ब्लास्ट करने की तैयारी में थे. लेकिन उससे पहले जवानों ने सूझबूझ दिखाते हुए सड़क के बीचों-बीच से 10 किलो का आईईडी बम बरामद किया है. जिससे बड़ी घटना होने से टल गई.
दरअसल कटेकल्याण विकासखड़ के सूरनार गांव के पास नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से सड़क पर 10 किलो का कमांड आईईडी बम दबा रखा था. जिसे डीआरजी के जवानों ने मौके में जाकर जंगलों में छिपे बिजली वायर और टिफिन में लगे बम को बरामद किया. इस तरह नक्सली रणनीति फैल करने में सुरक्षा बल के जवानों को कामयाबी मिली है.
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दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि नक्सली आईईडी बम ब्लास्ट कर जवानों को एम्बुश में फ़साना चाहते थे. मगर पुलिस के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े नेटवर्क की वजह से नक्सलियों की हर गतिविधि की जानकारी पहले ही पुलिस को पहुंच जाती है. जवानों ने 10 किलो का आईईडी बरामद हुआ है, जिससे कोई बड़ी घटना नहीं हुई.
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बता दें कि शनिवार को सुकमा जिले के बुर्कापाल कैंप से 6 किलोमीटर दूर हुए नक्सली आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के कोबरा 206 बटालियन के 10 जवान घायल हो गए थे. इनमें असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव इलाज के दौरान शहीद हो गए. 7 घायल जवानों को रायपुर के एक अस्पताल भर्ती कराया गया है, जबकि 2 का इलाज चिंतसनाक कैंप में ही चल रहा है. यह घटना उस वक्त हुआ जब जवान चिंतागुफा चिंतलनार थाना क्षेत्र अंतर्गत एंटी नक्सल ऑपरेशन में निकले थे.
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