रायपुर. भगवान श्री कृष्ण की पूजा और महिमा का महीना भाद्रपद अथवा भादों को माना जाता है लेकिन धार्मिक ग्रंथों में मार्गशीर्ष महीने को भी श्री कृष्ण का स्वरूप ही माना जाता है. इस महीने में स्नान दान का भी विशेष महत्व बताया जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं इस माह की महत्ता को बताते हुए कहा था कि “मार्गशीर्ष मास में यमुना नदी में स्नान करने से मुझे सहज ही पाया जा सकता है. ये तो हुआ महत्व अब आपको बताते हैं कौन सी तिथि व त्यौहार हैं इस महीने में खास

मार्गशीर्ष पूर्णिमा –

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का भी धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है. इस दिन को दत्तात्रेय जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. दत्तात्रेय को भगवान विष्णु का ही अंश माना जाता है, जिन्होंने अत्री ऋषि की पत्नी देवी अनुसुइया की कोख से जन्म लिया. 2021 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत और भगवान दत्तात्रेय जयंती का पर्व 18 दिसंबर को है.

धार्मिक दृष्टि से मार्गशीर्ष महीने का बहुत अधिक महत्व है. इस माह में अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनके प्रति आभार प्रकट करें, और दान पुण्य करके धार्मिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लें. भगवान आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे.

दत्तात्रेय जयंती या बत्तीसी पूर्णिमा-

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दान का भी उल्लेख धार्मिक ग्रंथो में किया गया है. अपने सामर्थ्य के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दान करने से बत्तीस गुना फल प्राप्त होता है. अतः मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा या बतीसी पूनम भी कहा जाता है.