दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) यमुना के डूब क्षेत्र के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसी क्रम में डीडीए 371 हेक्टेयर (करीब 916.7 एकड़) क्षेत्र में एक विशाल मयूर नेचर पार्क विकसित करने जा रहा है। यह DDA की अब तक की सबसे बड़ी रिवरफ्रंट–इकोलॉजिकल परियोजना मानी जा रही है। पार्क का निर्माण मयूर विहार के सामने यमुना के पूर्वी तट पर किया जा रहा है, जो नदी के लगभग 22 किलोमीटर के डूब क्षेत्र में फैला होगा।
इस वर्ष यमुना में आई बाढ़ के कारण मयूर नेचर पार्क परियोजना की गति प्रभावित हुई। हालांकि, डीडीए द्वारा यमुना डूब क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं का आंतरिक मूल्यांकन पूरा कर लिया गया है। आकलन के बाद प्राधिकरण ने उम्मीद जताई है कि पार्क का निर्माण कार्य अगले वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद यह विशाल नेचर पार्क दिल्लीवासियों और पर्यटकों के लिए खोला जाएगा, जिससे राजधानी में एक नया इको-टूरिज़्म और हरित मनोरंजन स्थल जुड़ जाएगा।
डीडीए अधिकारियों के मुताबिक मयूर नेचर पार्क परियोजना पर 136.8 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसका कार्य औपचारिक रूप से शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना के तहत मयूर प्राकृतिक पार्क को बारापुला फेज-3 फ्लाईओवर और दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन से जोड़ा जाएगा। मेट्रो कनेक्टिविटी मिलने के बाद पार्क में पर्यटकों की आवक में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है। परियोजना के अंतर्गत पार्क परिसर में एक आधुनिक ‘हाट जोन’ भी विकसित किया जाएगा, जहां नागरिक हरियाली से घिरे आकर्षक गार्डन क्षेत्रों के बीच खरीदारी और मनोरंजन का आनंद ले सकेंगे।
नए पार्क में मिलेंगी ये सुविधाएं
अधिकारियों के अनुसार मयूर नेचर पार्क को आठ–नौ थीम आधारित ज़ोन्स में विकसित किया जा रहा है, जहां बच्चों, किशोरों, वयस्कों, बुजुर्गों और प्रकृति प्रेमियों के लिए अलग-अलग सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पार्क में बहुउद्देशीय ओपन एरिया, स्कल्पचर कोर्ट, जलाशय, साइक्लिंग ट्रैक, विशेष योग–ध्यान क्षेत्र, गतिविधि लॉन, ओपन जिम और एक व्यूइंग डेक बनाया जा रहा है। बच्चों, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और परिवारों के लिए अलग-अलग गतिविधियों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम भी नियमित तौर पर आयोजित किए जाएंगे। परिसर में विभिन्न प्रकार की प्रतिमाएं और कलाकृतियां स्थापित की जाएंगी, जबकि कई नए जलाशयों का निर्माण पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
पर्यटकों की सुविधा के लिए साइकिल स्टेशन विकसित किए जाएंगे, जिससे विज़िटर पूरे परिसर को साइकिल से आसानी से घूम सकेंगे। इसके अलावा एक ‘इंटरप्रिटेशन ट्रेल’ भी बनाई जाएगी, जहां पार्क की सभी गतिविधियों, पेड़-पौधों और पक्षियों की प्रजातियों की जानकारी उपलब्ध होगी। पार्क में बर्ड-वॉचिंग ट्रेल और पिकनिक ज़ोन भी तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही बागवानी (हॉर्टिकल्चर) से जुड़ी नियमित कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी, जिससे यह पार्क पर्यावरण शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन सकेगा।
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