नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार के रोजगार बजट 2022-23 में घोषित दिल्ली की ‘इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ पहल के लिए डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) ने योजना तैयार करने और लागू करने के लिए ईपीआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट फाउंडेशन के साथ करार किया है. इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की डिजाइन, निर्माण, बिक्री और बिक्री के बाद की सेवाएं को लेकर निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देना है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2022-23 के ‘रोजगार बजट’ के दौरान घोषणा की थी कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से 5 वर्षों में 80 हजार रोजगार पैदा करने के लिए दिल्ली के बापरोला में एक ‘इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ की स्थापना की जाएगी. रोजगार सृजन और लोगों को महामारी के आर्थिक प्रभाव से राहत देने के उद्देश्य से दिल्ली के ‘रोजगार बजट’ का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 20 लाख नई नौकरियां पैदा करना है.

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करार का उद्देश्य दिल्ली में एक स्वस्थ, प्रतिस्पर्धी इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन-निर्माण-सेवा बाजार विकसित करना

दिल्ली सरकार के प्रमुख नीति थिंक टैंक डीडीसी ने दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक्स के अनुसंधान, डिजाइन, निर्माण, वितरण और सर्विसिंग के लिए अनुकूल आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए काम शुरू कर दिया है, ताकि राज्य में रोजगार बढ़े और सकल राज्य मूल्य वर्धन को अधिकतम किया जा सके. डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) और ईपीआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट फाउंडेशन के बीच डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह और पद्मभूषण अवॉर्डी ईपीआईसी के चेयरमैन अजय चौधरी की उपस्थिति में सोमवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इसका उद्देश्य दिल्ली में एक स्वस्थ, प्रतिस्पर्धी इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन-निर्माण-सेवा बाजार विकसित करना और दिल्ली को इसके लिए प्रमुख स्थान बनाना है.

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घरेलू और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स के डिजाइन, निर्माण, बिक्री को बढ़ावा देने में मिलेगी मदद

डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की ओर से रोज़गार बजट में की गई घोषणाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ उद्योग संगठनों के साथ साझेदारी करके दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी की पहल घरेलू और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स के डिजाइन, निर्माण, बिक्री और सेवा को बढ़ावा देने में मदद करेगी. इन क्षेत्रों में श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण से रोजगार मुहैया कराने में मदद मिलेगी. यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए बेहतर रहेगा. दिल्ली के हर हिस्से में इससे कुशल श्रमिक तैयार हो सकेंगे. यह दिल्ली को हरित, स्वच्छ और सस्टेनेबल इंडस्ट्री के साथ केजरीवाल सरकार के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण दिल्ली@2047 को पूरा करने में मदद करेगा.

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दिल्ली के बापरोला में स्थापित किया जाएगा इलेक्ट्रॉनिक शहर

डीडीसी दिल्ली बुनियादी ढांचे और संसाधनों  के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में विदेशी और घरेलू संस्थाओं को अनुसंधान, डिजाइन, निर्माण और सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करेगा. इससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. डीडीसी दिल्ली को ईपीआईसी शैक्षणिक, मानव और अन्य संसाधनों  को जुटाने में सहायता करेगा. इसके अलावा दिल्ली को इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन-बिक्री-खरीद हब के रूप में विकसित करने के लिए संबंधित सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने में मदद करेगा. दिल्ली सरकार पहले कदम के रूप में 81 एकड़ के प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर सेंटर में इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी का आधार स्थापित करने को लेकर प्रमुख इकाईयों को आमंत्रित करेगी. डीडीसी के मार्गदर्शन में ईपीआईसी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स जगत की प्रमुख इकाईयों और अन्य उद्योग विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करेगा. इसके अलावा महिलाओं को प्रशिक्षण देने और दिल्ली के कार्यबल में उनकी भागीदारी बढ़ाने के साथ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण, मरम्मत और सर्विसिंग के लिए आवश्यक श्रमिकों को कौशल प्रदान करने में मदद करेगी. यह साझेदारी दिल्ली में हार्डवेयर स्टार्ट-अप का मजबूत ईको-सिस्टम बनाने पर भी काम करेगी.

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इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के माध्यम से 5 वर्षों में 80 हजार नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य

एपिक के अध्यक्ष और एचसीएल के सह-संस्थापक अजय चौधरी ने कहा कि हम दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक्स के डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा देने और विनिर्माण, मरम्मत के लिए कुशल श्रमिकों की मदद करने के लिए डीडीसी दिल्ली और दिल्ली कौशल विकास संगठनों के साथ काम करने के लिए उत्साहित हैं. यह सहयोग रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने में मदद करेगा, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को गति देगा और आईटी कंपनियों को दिल्ली में आकर्षित करेगा. यह साझेदारी एपिक इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट फाउंडेशन द्वारा एक मजबूत घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करके दिल्ली को वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) का एक अभिन्न अंग बनाने के प्रयास के रूप में शुरू की गई है.

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