हेमंत शर्मा, इंदौर। पाकिस्तान से रास्ता भटक कर भारत आए एक युवक को अब फिर से उसके घर भेजने के लिए भारत और पाकिस्तान की सरकारें मिलकर काम कर रही है. इंदौर के साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट की मदद से इस युवक से बातचीत की गई है. इस दौरान यह भी खुलासा हुआ कि भारत के भी लगभग 22 मूकबधिर अभी भी पाकिस्तान में हैं, जिन्हें वापस लाने का प्रयास जारी है.

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इंदौर के साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित से पंजाब सरकार ने संपर्क किया है. उनसे एक युवक को पाकिस्तान में रह रहे उसके परिवार से मिलाने के अभियान में मदद की बात कही है. ज्ञानेंद्र पुरोहित के ने पाकिस्तान के ईडी फाउंडेशन से वीडियो कॉल पर बात की है और निवेदन किया गया है कि गीता की तरह इस मामले में भी युवक की मदद की जाए.

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ईडी फाउंडेशन ने जब पाकिस्तानी मीडिया में इस युवक के नए और पुराने फोटो दिखाए हैं तो, वहां से एक परिवार ने इस युवक पर अपना हक जताया है. युवक जब 12 से 13 साल के बीच था. तब वह भारत में आया था, तब से ही वह पंजाब के एक मूक-बधिर बालगृह में है और अब उसकी उम्र 21 साल से ज्यादा हो चुकी है.

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2 साल पहले पंजाब सरकार ने भावनात्मक तौर पर भारत सरकार को पत्र लिखकर युवक की मदद करने की बात कही थी. जिसके बाद से इस युवक को घर पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. पुरोहित दंपत्ति का कहना है कि इस मामले में हर संभव कोशिश की जा रही है. पुरोहित दंपत्ति के अनुसार 14 अगस्त को पाकिस्तान और 15 अगस्त को भारत आजादी का जश्न मनाता है, लेकिन यदि हमारे ही देश के 22 मूकबधिर पाकिस्तान में ही रहे तो फिर किस बात की आजादी है. उन्होंने कहा कि कि 22 मूकबधिर जो कि हिंदुस्तान के हैं और वह पाकिस्तान की जेलों में हैं. उन्हें भी वापस स्वदेश लाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.

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