पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद. गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक मौत हो रही है. एक और किडनी पीड़िता महिला की मौत हो गई है. मृतक महिला का पिछले डेढ़ साल से किडनी का ओडिशा के अस्पताल में इलाज चल रहा था.
मिली जानकारी के मुताबिक सुपेबेड़ा में बीती रात को 28 वर्षीय महिला अहिल्या आंडील्य की मौत हो गई. पीड़िता पिछले डेढ़ साल से किडनी रोग से ग्रसित थी. उपेक्षा के चलते ओडिशा के अस्पताल में अपना इलाज करवा रही थी. पति छोटा किसान है, महिला के मौत के बाद 4 नन्हें बच्चों के सर से मां का साया उठ गया है. इस महिला की मौत के साथ ही 2009 से किडनी की बीमारी से मरने वालों की संख्या 69 हो गई है, जबकि अब तक 130 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में है.
अधिकारियों द्वारा दी गई अब तक की रिपोर्ट में दुषित पानी को किडनी की बीमारी का कारण बताया गया है. गांव के पानी में हैवी मेटल होने के कारण किडनी की बीमारी फैलने की आशंका सरकार ने जताई है. शासन ने पास के निष्ठीगुडा गांव से शुद्धपेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये थे. मगर जिला प्रशासन ने केवल कागजों में खानापूर्ति करके अपनी जिम्मेदारी पूरी की. आज भी सुपेबेड़ा के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है. आज तक इनका इलाज अच्छे से इलाज नहीं हो सका है.
सुपेबेड़ा के हालात इतने गंभीर हो गए है कि गांव में 15 दिन में एक नया किडनी का मरीज सामने आ रहा है. बीमारी से हर महीने में एक व्यक्ति की मौत हो रही है. सुपेड़ा के ग्रामीणों का आरोप है कि शासन उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है. भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनते ही सुपेबेड़ा के लोगों में एक आस जगी थी कि अब उनके साथ न्याय होगा. लेकिन अब तक इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया है. जिससे दिनों दिन मौत का आकड़ा बढ़ता जा रहा है.