कोरबा. जिले के कोसाबाड़ी में संचालित गीता देवी मेमोरियल अस्पताल के खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया है. अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद यह कार्रवाई की गई है. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्री माने जाने वाले पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के बाद भाजपाइयों ने कार्रवाई को लेकर अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए थे, जिसके बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है.

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्री मानी जाने वाली पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के बाद कोरबा के जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को सील करने की बड़ी कार्रवाई की है. लेमरु थाना क्षेत्र के ग्राम कोरई में रहने वाली सोनी बाई की कोहनी फ्रेक्चर हो गई थी, जिसे उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां के डॉक्टर पैसे कमाने के चक्कर में बेहतर उपचार का झांसा देकर गीता देवी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती करवा दिया, यहां महिला का उपचार तो हुआ, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई.

इसे भी पढ़ें- मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश के पैर में लगी गोली, आए थे ATM से चोरी करने, 3 आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि सोनी सिंह की मौत के बाद यह मामला काफी गर्मा गया था. उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए रामपुर विधायक भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए और दोषी डॉक्टरों और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. सुबह से शुरु हुआ प्रदर्शन रात भर चला. धरना प्रदर्शन को समाप्त करने पुलिस और जिला प्रशासन ने एड़ी चोटी का जोर लगा लिया, लेकिन सफलता नहीं मिली.

इसे भी पढ़ें- संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में युवती से रेप मामले में बड़ा खुलासा, युवती तीन माह से प्रेग्नेंट

वहीं धरने पर बैठे ननकीराम कंवर ने कहा, कि जब तक कार्रवाई नहीं होगी वे नहीं हटेंगे. मामला बिगड़ते देख अस्पताल के बाहर पुलिस फोर्स तैनात हो गई. इतने में अस्पताल को सील करने का आदेश भी आ गया. कोरबा एसडीएम खुद मौके पर पहुंचे और अस्पताल में तालाबंदी कर दी. प्रशासन के इस कार्रवाई को अस्पताल के डायरेक्टर ने दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए रामपुर विधायक की कार्यप्रणाली को ही सवालों के घेरे में ला दिया.

इसे भी पढ़ें- 900 रुपये के लिए कत्ल: कलयुगी बेटे ने पिता को पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट, गहरे जख्म से कराहता रहा पिता, नहीं कराया इलाज

गीता देवी अस्पताल के सील होने के बाद शहर के सभी निजी अस्पताल प्रबंधनों में हड़कंप की स्थिति है. इस बीच कलेक्टर ने भी सभी निजी अस्पतालों की जांच करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. अब देखना है, कि जांच के बाद मामले में किस तरह के तथ्य सामने आते हैं.