सिवनी, निशांत राजपूत। ‘पेंच की रानी’ और ‘सुपर-मॉम’ जैसे कई नामों से मशहूर पेंच राष्ट्रीय उद्यान ( Pench National Park) की मशहूर ‘कॉलरवाली बाघिन’ अब इस दुनियां में नहीं रही। 29 शावकों को जन्म देने वाली ‘कॉलरवाली बाघिन’ की मौत हो गई है।  कॉलर वाली बाघिन ने शनिवार शाम अंतिम सांस ली। 17 साल की यह बाघिन पिछले तीन-चार दिनों से बीमार चल रही थी। इसके बाद से पेंच पार्क के आला अधिकारी व वन्यप्राणी चिकित्सक बाघिन की लगातार निगरानी कर रहे थे। 16 जनवरी रविवार सुबह बाघिन की मौत की खबर आते ही पर्यावरण व बाघ प्रेमियों में मायूसी छा गई।

कॉलरवाली बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया

‘सुपर मॉम’ की मौत पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ( CM Shivraj Singh Chouhan) और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ( Home Minister Narottam Mishra)ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की है। सीएम शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा कि- मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, मध्यप्रदेश की शान व 29 शावकों की माता @PenchMP

‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कॉलरवाली बाघिन को श्रद्धांजलि। पेंच टाइगर रिजर्व की ‘रानी’ के शावकों की दहाड़ से मध्यप्रदेश के जंगल सदैव गुंजायमान रहेंगे।

वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि- ‘सुपर मॉम’ को आखिरी सलाम। 29 शावकों को जन्म देने वाली पेंच टाइगर रिजर्व की ‘कॉलर वाली बाघिन’ की मृत्यु की खबर दुखद है। मध्यप्रदेश को मिली टाइगर स्टेट की गौरवशाली पहचान पर कोई भी चर्चा इस सुपर मॉम के महत्वपूर्ण योगदान के बिना पूरी नहीं हो सकेगी।

सितम्बर 2005 में हुआ था जन्म 

कॉलर वाली बाघिन का जन्म सितम्बर 2005 में हुआ था। इस बाघिन ने सबसे पहले 2006 में तीन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बारिश के चलते तीनों शावकों की मौत हो गई थी। इसके बाद उसी साल बाघिन ने फिर चार शावकों को जन्म दिया था। अगली बार  पांच शावकों को जन्म दिया था। बाघिन ने इसके बाद लगातार दो बार तीन-तीन शावकों को जन्म दिया और अप्रैल 2015 में चार और नन्हे शावकों को जन्म देकर पेंच की सर्वाधिक 22 शावकों को जन्म देने वाली बाघिन बन चुकी थी। 2017 में बाघिन ने चार और शावकों को जन्म दिया था। इसी साल जनवरी में चार शावकों को जन्म दिया था।
एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड
एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड भी कॉलर वाली बाघिन के नाम ही दर्ज है। सबसे ज्यादा बच्चों को जन्म देने का रिकॉर्ड पहले रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में 23 शावकों को जन्म देने वाली मछली बाघिन के नाम बताया जाता था। मार्च 2008 में गले में कॉलर लगा होने के कारण इस बाघिन का नाम कॉलरवाली बाघिन पड़ा। पेंच टाइगर रिजर्व में कॉलर वाली बाघिन को 11 मार्च 2008 को बेहोश कर देहरादून के विशेषज्ञों ने रेडियो कॉलर पहनाया उसकी मां को टी-7 बाघिन (बड़ी मादा) और पिता को चार्जर के नाम से जाना जाता था।
कॉलरवाली बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया