लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद. जिले में जल संसाधन विभाग की उदासीनता किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. डौंडी विकासखंड स्थित ग्राम आमडुला में लगभग 30 सालों से करोड़ों की लागत से बन रहा आमाबाहरा बांध अब भी अधूरा है. हाल ही बारिश को दिनों में बांध की दीवार टूटने से खेतों में मलबा अटा पड़ा है. जो किसानों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है. किसानों के इस समस्या को जब लल्लूराम डॉट कॉम ने उठाया तो जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने 7 से 8 दिनों में खेत से मलबा हटवाने का अश्वासन दिया है.

दरअसल, बरसात के दिनों में लगातार बारिश के चलते जिले के अंतिम छोर डौंडी विकासखंड स्थित ग्राम आमडुला में सालों से अधूरे पड़े आमाबाहरा बांध की दीवार टूट गया, जिससे बांध के पत्थर कंकड़ और मिट्टी पानी के साथ बहकर किसानों कर खेतों में पट गया. वहीं अब किसान मुआवजे की मांग करने के साथ खेतों में पड़े मिट्टी कंकड़ पत्थर को निकालने की मांग कर रहे हैं. ताकि, बंजर हुए खेत दोबारा उपजाऊ बन खेती किसानी का काम आ सके.

बता दें कि, बांध को टूटे 2 महीने से अधिक हो गए है, लेकिन जल संसाधन विभाग मलबा हटवाने की जगह किसानों को मात्र आश्वासन ही दे रहा है. हालांकि, लल्लूराम डॉट कॉम ने जब किसानों के मुद्दे को उठाया तो 7 से 8 दिनों में खेत से मलबा हटवाने का अश्वासन दिया गया है.

किसानों की मांग है कि, उनके खेतों से जल्द से जल्द मलबा हटाया जाए. ताकि क्षेत्र के किसान अपने खेतों से फिर फसल ले सकें.

जल संसाधन विभाग के अधिकारी का कहना है कि मुआवजा देना राजस्व विभाग काम है. जहां तक कंकण, पत्थर और मिट्टी हटाने की बात है तो उसे 7 से 8 दिनों में हटा दिया जाएगा.