नीरज काकोटिया, बालाघाट। बालाघाट के वारासिवनी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत आलेझरी में रोजगार सहायक का फर्जीवाड़ा सामने आया हैं. रोजगार सहायक ने स्कूलों में मध्याहन भोजन बनाने वाली 3 रसाईयों के नाम से फर्जी मस्टररोल निकालकर उनके खाते में राशि भी जारी कर दी हैं. जबकि उन्होंने काम ही नहीं किया हैं. अब शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने जांच दल गठित कर दिया हैं.
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत स्कूल परिसर में मां की बगिया का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया हैं. इस कार्य में रोजगार सहायक ने सिंगल हस्ताक्षर से स्कूल में मध्याहन भोजन बनाने वाली 3 महिलाओं के नाम पर मस्टर रोल जनरेट कर दिया और उसके बाद उनके खाते में राशि भी भेज दी गई.
यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया, जब रोजगार सहायक ने बिना काम किए जिनके खाते में राशि भेजी, उनसे रूपये की वापसी की मांग की. जबकि उन्होंने काम ही नहीं किया था. ग्राम प्रधान जितेंद्र राजपूत के मुताबिक यह मामला आर्थिक अनियमितता के साथ-साथ मनरेगा नियमावली का उल्लंघन हैं. चूंकि मस्टर रोल पर 5 लोग जिसमें सचिव, सरपंच, इंजिनियर, पीसीओ और रोजगार सहायक के संयुक्त हस्ताक्षर होते हैं. इसके बाद ही राशि के एफटीओ भी किया जाता हैं. लेकिन यहां पर ऐसा नहीं हुआ और अकेले हस्ताक्षर से ही रोजगार सहायक ने ऐसा कारनामा कर दिया हैं. इसकी शिकायत की गई और मामले में कार्रवाई की मांग की गई है.
जिनके नाम पर मस्टर रोल जारी होने और खाते में राशि जमा की गई उन मध्यहान भोजन बनाने वाली महिलाओं से चर्चा की गई, तो उन्होंने काम करने से साफ इंकार कर दिया. मामले में अपनी अनभिज्ञता जताते हुए उन्होंने भी कार्रवाई की मांग की हैं. इस गंभीर प्रकरण को लेकर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी संज्ञान में आने पर जांच दल गठित कर दिया गया हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी.
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