हेमंत शर्मा, इंदौर। दिल्ली बम धमाकों के आतंकी नेटवर्क की जांच के दौरान महू कनेक्शन सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर आए अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संचालक जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद सिद्दीकी को महू पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। हमूद पर करीब 25 साल पहले महू में चिटफंड के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है।

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महू पुलिस ने उसे हैदराबाद से हिरासत में लिया और महू लाकर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, हमूद सिद्दीकी करीब 25 वर्ष पहले महू में सक्रिय था और उसने 20 और 30 प्रतिशत ब्याज देने का लालच देकर अनेक लोगों से लाखों रुपये ऐंठ लिए थे। इस ठगी में स्थानीय व्यापारी, नौकरीपेशा लोग ही नहीं बल्कि कई फौजी परिवार भी शिकार बने थे। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और आगे की कार्रवाई जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर की जाएगी।

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दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच की आंच अब इंदौर के महू तक पहुंच गई है। अल फलाह इन्वेस्टमेंट मामले में ग्रामीण एसपी यांगचेन डोलकर भूटिया ने जानकारी दी है। जिसमें उन्होंने बताया है कि जवाद के भाई हमुद सिद्दकी ने महू में अल फहद सिम कॉम लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की थी। 

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हमुद सिद्दकी पर 10 हजार का इनाम भी घोषित था। साल 2000 में उसके खिलाफ महू में फ्रॉड केस में 3 एफआईआर दर्ज हुई थी। वह करीब 25 साल से फरार चल रहा था। साथ ही धारा 307 का भी आरोपी रहा है। फ्रॉड करने के बाद से वह परिवार से भी संपर्क में नहीं था। इसके बाद वह हैदराबाद से खुद की इन्वेस्टमेंट कंपनी चला रहा था। अल फहद यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने के बाद हमूद सिद्दीकी चर्चा में आया था। महू थाना पुलिस मामले में आगे जांच कर रही है।

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