नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल बेबुनियाद और पुरानी शिकायतों को बिना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम नियमों का पालन करते हुए उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को भेज रहे हैं, ये आरोप मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लगाया. मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने बताया कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी द्वारा अस्पताल बनाने में भ्रष्टाचार को लेकर की गई फर्जी शिकायत एक साल पुरानी है, तब पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उसकी पड़ताल के बाद पाया कि यह शिकायत राजनीति से प्रेरित है, इसलिए उन्होंने इसमें आगे जांच के आदेश नहीं दिए. मनीष सिसोदिया के मुताबिक नए उपराज्यपाल ने इस एक साल पुरानी शिकायत को एसीबी को जांच के लिए सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि हम जांच से नहीं डरते, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lt Governor VK Saxena) इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें.
मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर लगाए आरोप
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा द्वारा काम रुकवाने की नीयत से अधिकारियों को जांच के दायरे में फंसाने की कोशिश करना घटिया हरकत है. भाजपा की इतने राज्यों में सरकारें हैं, वहां तो वो काम नहीं करती है, लेकिन दिल्ली सरकार लोगों की बेहतरी के लिए मेहनत कर रही है, तो यहां अधिकारियों में डर फैलाने और काम रुकवाने के लिए भाजपा फर्जी शिकायतें कर रही है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी सभी नियम कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए इन फर्जी और पुरानी शिकायतों पर एसीबी को जांच के आदेश दे देते हैं.
मनोज तिवारी पर फर्जी शिकायत करने का लगाया आरोप
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दो साल पहले बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (BJP MP Manoj Tiwari) ने दावा और शिकायत की थी कि सरकार द्वारा स्कूल बनवाने में भ्रष्टाचार किया गया है और जब वो कोर्ट में कोई तथ्य और सबूत पेश नहीं कर सके और उन पर मानहानि का मुकदमा किया गया, तो उससे बचने के लिए मनोज तिवारी और भाजपा के अन्य नेता शीर्ष अदालतों में जाकर खुद को बचाने की गुहार लगाने लगे. आज दोबारा मनोज तिवारी फर्जी शिकायत करने लगे हैं.
उपराज्यपाल पर नियमों को उल्लंघन करने का आरोप
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सितम्बर 2021 के तात्कालिक एसओपी के अनुसार, किसी भी अधिकारी के खिलाफ जांच करने का आदेश देने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी होती है, लेकिन नए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसका उल्लंघन करते हुए बिना राज्य सरकार की मंजूरी लिए यह केस एसीबी को सौंप दिया है. इसका सीधा मतलब है कि भाजपा के नेताओं की झूठी शिकायतों द्वारा दिल्ली में काम रुकवाने की कोशिश की जा रही है या फिर उपराज्यपाल किसी प्रक्रिया का पालन किए बिना काम करना चाहते हैं.
मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सवाल करते हुए कहा कि क्यों नए एलजी पिछले एलजी के निर्णय को गलत मान रहे हैं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नियमों का पालन नहीं करते हुए एसीबी को जांच के आदेश दे रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा है और कहा है कि यदि उपराज्यपाल को दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना है, तो वो भाजपा के नेताओं की जगह आम जनता से शिकायतें मांगें और देखें कि कैसे एमसीडी, दिल्ली पुलिस और डीडीए ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार से लिप्त हैं.
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