नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर देशवासियों को शुभकामनाएं दी. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजादी के 70 साल के बाद ही सही दिल्ली सरकार बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर और भगत सिंह के सपनों को पूरा कर रही है. बाबा साहब का सपना था कि इस देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी उनका सपना पूरा नहीं हुआ. मुझे खुशी है कि बाबा साहब का सपना पूरा करने का काम दिल्ली में शुरू हो गया है. दिल्ली सरकार ने पिछले सात साल में शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी काम किए. सरकार बनते ही हमने शिक्षा का बजट बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया और सारे स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक करने का काम शुरू किया. अब हम अपने स्कूलों में बच्चों को अच्छा इंसान व कट्टर देशभक्त बना रहे हैं और बिजनेस करना सिखा रहे हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऐलान करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के दफ़्तरों में अब किसी नेता की नहीं, बल्कि बाबा साहब और भगत सिंह की तस्वीरें लगाई जाएंगी और उनके उसूलों पर हमारी दिल्ली सरकार चलेगी.
दिल्ली ने सबसे ज्यादा कोरोना की मार झेली है और बहुत अच्छे से इस महामारी से निपटा है- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली सचिवालय में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराकर दिल्ली समेत पूरे देश वासियों को शुभकामनाएं दी. भारत माता की जय और वंदे मातरम् के जयघोष के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो साल से केवल दिल्ली और देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया कोरोना नाम की बीमारी से जूझ रही है. पिछले दो साल से ढेर सारी गतिविधियां बंद पड़ी हैं. बहुत सारे लोग बीमार पड़े और बहुत सारे लोगों की मौत हुई. देश में कोरोना की यह तीसरी लहर चल रही है, लेकिन दिल्ली में पांचवीं लहर है और सबसे ज्यादा कोरोना की मार दिल्ली वालों ने झेली है. क्योंकि कोरोना का यह वायरस अपने देश का तो है नहीं, यह बाहर से आया है. बाहर से अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स सबसे ज्यादा दिल्ली आती हैं, तो सबसे पहले कोरोना दिल्ली में आया. दिल्ली के लोगों ने सबसे ज्यादा कोरोना की मार झेली, लेकिन दिल्ली निवासियों, अधिकारियों, डॉक्टरों ने बहुत अच्छे तरीके से इस पूरी कोरोना महामारी से निपटा है. दिल्ली की जनता ने जिस अनुशासन और धैर्य के साथ इसका सामना किया है, वह वाकई काबिले तारीफ है.
दिल्ली में 100 फीसद लोगों को वैक्सीन की पहली और 82 फीसदी लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है, जो पूरे देश में रिकॉर्ड है
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ओमिक्रॉन की यह लहर बहुत ज्यादा तेजी से फैलती है, लेकिन थोड़ी माइल्ड बताई जाती है. 13 जनवरी को लगभग 29 हजार केस आए थे, जो दूसरी लहर आई थी, उसमें भी अधिकतम मामले लगभग इतने ही आए थे, लेकिन जब 13 जनवरी को 29 हजार केस थे, तब भी दिल्ली में बेड ढाई से तीन हजार ही भरे थे. 15 जनवरी को सबसे अधिक पॉजिटीविटी रेट लगभग 30 फीसदी आया था. 15 जनवरी को 30 फीसद पॉजिटीविटी दर थी और 10 दिन के बाद आज 25 जनवरी को यह घट कर लगभग 10 से 10.50 फीसदी के करीब रह गया है. इन 10 दिनों में करीब 20 फीसद पॉजिटीविटी रेट कम हो गया है. उसी तरह से केस में भी कमी आ रही है. यह इस बात का भी नतीजा है कि इस बार की लहर बहुत माइल्ड है. दूसरा, युद्ध स्तर पर दिल्ली में वैक्सीनेशन किया गया. अगर वैक्सीनेशन किया जाए, तो कोरोना का असर थोड़ा माइल्ड होता है. आज हमारे सभी डॉक्टर, नर्सेज, पैरा मेडिकल स्टॉफ, स्टॉफ और अधिकारियों ने मिलकर वैक्सीनेशन पर शानदार काम किया है. 100 फीसदी पूरी दिल्ली को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. साथ ही, 82 फीसदी दिल्ली के लोगों को दूसरी डोज भी लग चुकी है. मुझे लगता है कि यह शायद पूरे देश में रिकॉर्ड है. शायद पूरी दुनिया में भी यह रिकॉर्ड है और अब बूस्टर डोज भी बहुत तेजी से लग रही है.
पाबंदियां लगाने से आपको तकलीफ होती है, लेकिन आपकी जान और सेहत भी जरूरी है- अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना जब भी बढ़ता है, हम लोगों को कुछ पाबंदियां लगानी पड़ती है. मार्केट बंद करने पड़ते हैं, आर्थिक गतिविधियां बंद हो जाती हैं, स्कूल और कॉलेज बंद हो जाते हैं. हम समझते हैं कि इससे लोगों को तकलीफ होती है. लोगों की रोजी-रोटी खराब होती है, लेकिन आप हमारे उपर यह भरोसा रखिए कि हम उतनी ही पाबंदी लगाते हैं, जिनती जरूरत होती है. लेकिन आपकी जान और सेहत जरूरत है न. उसको ध्यान में रखते हुए हमें यह पाबंदियां लगानी पड़ती हैं.

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बाबा साहब और भगत सिंह के रास्ते अलग थे, लेकिन दोनों की मंजिल और सपने एक थे- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज गणतंत्र दिवस है, पवित्र दिन है. आज के दिन हमें सभी स्वतंत्रता सेनानियों की याद आती है. जिन लोगों ने देश के लिए कुर्बानियां दीं, आज के दिन उन सब लोगों को हम याद करते हैं. किसी भी स्वतंत्रता सेनानी के योगदान और उसके शौर्य को कम नहीं आंका जा सकता है. हर एक ने अपने-अपने स्तर पर खूब कुर्बानियां दीं, खूब संघर्ष किया, लेकिन दो स्वतंत्रता सेनानी ऐसे हैं, जिनसे मैं सबसे ज्यादा प्रभावित हूं. एक बाबा साहब डॉ. अंबेडकर हैं और दूसरे शहीद-ए- आजम भगत सिंह हैं. दोनों के रास्ते अलग थे, लेकिन दोनों की मंजिल और सपने एक थे.
बाबा साहब वो शख्स थे, जिन्होंने कदम-कदम पर छुआछूत को बर्दाश्त किया- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब महार जाति में 1891 में पैदा हुए. उन दिनों में महार जाति को अछूत माना जाता थाउनके घर में खाने को नहीं था. वो बहुत गरीब परिवार से थे. स्कूल जाते थे, तो उनको क्लास में नहीं बैठने दिया जाता था, उनको बाहर बैठाते थे. उनको घड़े से पानी नहीं पीने देते थे, उनको पीने के लिए उपर से पानी डाला जाता था. वो शख्स, जिसके घर में कुछ भी खाने को नहीं था, जिसने कदम-कदम पर छुआछूत को बर्दाश्त किया. युवा बनने के बाद वो लंदन ऑफ इकोनॉमिक स्कूल से पीएचडी करके आता है, यह कोई छोटी बात नहीं है. आज से 100 साल पहले, 1914-15 के आसपास की बात है, जब उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया, तब कोई इंटरनेट नहीं था, कोई जानकारी नहीं थी. मैं सोच रहा था कि उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से फार्म भी कैसे मंगाए होंगे और आवेदन कैसे किया होगा. पहली बात तो यह कि ऐसा बच्चा, जो इतने गरीब और पिछड़े वर्ग से आता है, उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी का नाम भी कैसे सुना होगा. मैं तो यह सोच-सोच कर अचम्भित रह जाता हूं. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. इसके बाद वे लंदन ऑफ इनकोनॉमिक स्कूल में जाते हैं और वहां से दूसरी पीएचडी करते हैं. उस दौरान बाबा साहब की जेब में चवन्नी नहीं थी, फिर भी वहां जाकर पढ़े. लंदन ऑफ इकोनॉमिक स्कूल में पढ़ते-पढ़ते उनके पैसे खत्म हो गए, उन्हें बीच में पढ़ाई छोड़कर आना पड़ा. उन्होंने वापस आकर पैसे इकट्ठे किए और वापस अपनी डिग्री पूरी करने गए. इसके बाद बाबा साहब देश का संविधान लिखते हैं और देश के पहले कानून मंत्री बनते हैं.

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बाबा साहब की जिंदगी से हमें बड़े और देश की तरक्की के लिए सपने देखने की सीख मिलती है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब की जिंदगी से एक सीख यह मिलती है कि सपने देखो. देश के लिए सपने देखो, तरक्की के लिए सपने देखो, बड़े सपने देखो, छोटे-मोटे सपने मत देखो. विकास के लिए सपने देखो और सबके लिए सपने देखो. इस कायनात की सारी शक्तियां आपकी मदद करने लगती हैं. बाबा साहब का एक सपना था कि इस देश के हर बच्चे को, चाहे वो गरीब का बच्चा हो या अमीर का बच्चा हो, सबको अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए. अच्छी से अच्छी शिक्षा हर बच्चे का अधिकार होना चाहिए, लेकिन आज आजादी के 75 साल के बाद क्या हम बाबा साहब के सपने को पूरा कर पाए हैं? नहीं कर पाए हैं. आज गणतंत्र दिवस है, शुभ दिन है, पवित्र दिन है, आज हम सब लोग शपथ लेते हैं कि बाबा साहब का सपना हम पूरा करेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की पत्नी दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने आती हैं, यह बहुत बड़ी बात है- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत तभी विकसित होगा, जब हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी. भारत तभी विश्व में नंबर वन बनेगा, जब हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी. इसका कोई शॉर्ट कट नहीं है. दुनिया में कोई भी ऐसा चिकसित देश नहीं है, जहां पर सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती है. मुझे खुशी है कि बाबा साहब का सपना पूरा करने का काम दिल्ली में शुरू हो गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति अगर दिल्ली आते हैं, तो उनकी धर्मपत्नी मेलानिया ट्रम्प दिल्ली के सरकारी स्कूल को देखने आती हैं, यह बहुत बड़ी बात है. हमारे सभी शिक्षकों और शिक्षा विभाग, सभी बच्चों और अभिभावकों के लिए गर्व की बात है. यह एक तरह से प्रमाणपत्र है.

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अगर शिक्षा पूरी करने के बाद भी बच्चा अपने परिवार को न पाल पाए, तो उस शिक्षा का क्या फायदा- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हम अगले कदम पर जा रहे हैं. बच्चों को अभी जो पढ़ाया जाता था, उसको ठीक किया, लेकिन अब क्या पढ़ाया जाता है, हमारे बच्चे पढ़कर जो निकलते हैं, उनकी क्वालिटी कैसी है, इसमें तीन चीजों पर काम किया जा रहा है. एक, दिल्ली के स्कूलों से जो भी हमारे बच्चे निकलें, वो अच्छे इंसान बनें. उसके लिए हैप्पीनेस क्लासेस शुरू की गई है. उनको मेडिटेशन कराया जाता है, उनको मोरल स्टोरी सुनाते हैं. दूसरा, एंटरप्रिन्योरशिप क्लास शुरू किया. हमारे यहां बच्चे डिग्री पर डिग्री लेते हैं, लेकिन नौकरी मिलती नहीं है. अगर शिक्षा पूरी करने के बाद भी बच्चा दो रोटी न कमा पाए, अपने परिवार को न पाल पाए, तो शिक्षा का क्या फायदा हुआ. हम 9वीं कक्षा से ही बच्चों को बिजनेस करना सिखा रहे हैं. तीसरा, जो बच्चा हमारे स्कूलों से निकले, वो कट्टर देशभक्त होना चाहिए. अपने देश के लिए मर-मिटने को तैयार होना चाहिए। इसके लिए हम लोगों ने अपने स्कूलों में देशभक्ति क्लास शुरू की है.

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अब हमारे दिल्ली के बच्चे इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड की शिक्षा प्राप्त करेंगे- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक और बड़ी बात हुई है. हमने दिल्ली में अपना स्कूल एजुकेशन का बोर्ड शुरू किया है. उसका गठजोड़ अंतर्राष्ट्रीय एजुकेशन बोर्ड से किया है, जो पूरी दुनिया का एजुकेशन बोर्ड है. इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड एक ऐसा बोर्ड है, जिसमें पढ़ने के लिए अमीरों के बच्चे तरसते हैं. अब दिल्ली के बच्चे इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड की शिक्षा प्राप्त किया करेंगे. हम टीचर यूनिवर्सिटी बना रहे हैं. दिल्ली अब पूरे देश के लिए शानदार शिक्षक तैयार करेगी.
भगत सिंह मात्र 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए थे- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे दूसरे आदर्श शहीद-ए-आजम भगत सिंह हैं. 23 साल की उम्र में एक युवा अपनी जिंदगी के सपने देखता है. आने वाले भविष्य और करियर के बारे में सोचता है, लेकिन भगत सिंह ने अपने बारे में नहीं सोचा और 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए. बाबा साहब और भगत सिंह के रास्ते अलग थे, लेकिन इनके सपने एक ही थे. दोनों ने एक विकसित भारत का सपना देखा था, जहां सबको बराबरी का अधिकार होगा. दोनों ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां भेदभाव नहीं होगा. दोनों ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां आप की सफलता आपकी जाति पर आधारित नहीं होगी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं यह ऐलान करता हूं कि दिल्ली सरकार के हर दफ्तर के अंदर, बाबा साहब अंबेडकर और शहीद-ए-आजम की तस्वीरें लगाई जाएंगी। अब हम नेताओं की तस्वीरें नहीं लगाएंगे। अब मुख्यमंत्री की फोटो नहीं लगानी है। अब हमें इन दो महानुभावों बाबा साहब डॉ. अंबेडकर और भगत सिंह की फोटो लगानी हैं। इन दोनों के उसूलों के उपर हमारी दिल्ली सरकार चलेगी और ये दोनों हम लोगों को हर कदम पर प्रेरणा देते रहेंगे.