नई दिल्ली . दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 12 कॉलेजों को दूसरी तिमाही के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है.

शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को बताया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार आने के बाद इन कॉलेजों का फंड तीन गुना बढ़ाया गया है. वह भी तब जब कॉलेजों में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं, जिसकी जांच भी चल रही है. सरकार ने छात्रों व शिक्षकों के लिए कभी पैसे की कमी नहीं होने दी. दिल्ली सचिवालय में पत्रकारवार्ता में आतिशी ने बताया कि केजरीवाल सरकार के लिए शिक्षा हमेशा बड़ी प्राथमिकता रही है.

हमने अपने शिक्षा बजट को सबसे ज्यादा रखा है. उच्च शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया और तीन नए विश्वविद्यालय भी खोले गए. उच्च शिक्षा में दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेज भी अहम भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि 2014-15 में इन कॉलेजों के लिए 132 करोड़ का फंड था, जिसे बढ़ाकर 400 करोड़ कर दिया गया है.

प्रशासन की कमियों का खामियाजा विद्यार्थियों को नहीं भुगतने देंगे आतिशी ने कहा कि इन कॉलेजों में पिछले कुछ साल में वित्तीय कुप्रबंधन के कई मुद्दे सामने आए, लेकिन केजरीवाल सरकार ने ये निर्णय लिया है कि प्रबंधन व कॉलेज के प्रशासन की कमियों का खामियाजा विद्यार्थियों और शिक्षकों को नहीं भुगतने देंगे. हालांकि, कुछ कॉलेजों का ऑडिट चल रहा है, फिर भी शिक्षकों की बेहतरी का ध्यान रखते हुए 100 करोड़ रुपये का फंड 12 कॉलेजों को जारी किया गया है. जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इन कॉलेजों के लिए जारी किया गया फंड

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इन कॉलेजों में आर्थिक अस्थिरता देखी गई है लेकिन इसका प्रभाव कॉलेज के शिक्षकों और छात्रों पर नहीं पड़ना चाहिए. इसलिए दिल्ली सरकार की तरफ से 3 गुना बजट बढ़ाते हुए फंड जारी करने का फैसला किया गया है. दिल्ली सरकार द्वारा डीयू के जिन कॉलेज को फंड जारी किया गया है उनम्ें आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कॉलेज, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षी वाल्मिकी कॉलेज, शहीद राजगुरू कॉलेज, शहीद सुखदेव कॉलेज आफ बिजनेस स्टडीज शामिल हैं.