नई दिल्ली। दिल्ली सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में विधायकों और मंत्रियों के वेतन और भत्ते को दोगुना करने की तैयारी में है. वेतन वृद्धि का विधेयक 4 जुलाई (सोमवार) से शुरू होने वाले दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन पेश किया जाएगा. एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत सोमवार को सदन में विधेयक पेश करेंगे. सूत्रों के अनुसार, सदन में मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचेतक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेता के वेतन और भत्तों में 66 प्रतिशत की वृद्धि का विधेयक पेश किया जाएगा.

दिल्ली विधानसभा

अब 90 हजार रुपए पाएंगे दिल्ली के विधायक

सूत्र के अनुसार, आप सरकार वेतन में 12,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति माह तक की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है. कई अन्य भत्तों में भी वृद्धि होगी. इस तरह कुल मिलाकर वेतन मौजूदा 54,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा. आप सरकार ने पिछले साल अगस्त में वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र ने इस साल मई में मंजूरी दी थी. उप राज्यपाल ने भी पिछले महीने प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिससे विधेयक को विधानसभा में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है. आप सरकार का दावा है कि दिल्ली के विधायकों का वेतन देश में सबसे कम है.

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इन राज्यों में विधायकों को इतनी सैलरी और भत्ते

सबसे ज्यादा वेतन तेलंगाना में विधायकों को मिलता है. यहां उनकी सैलरी 2 लाख 50 हजार है. इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है. यूपी में विधायकों को 2 लाख 10 हजार रुपए वोतन मिलता है. गुजरात में विधायकों की सैलरी 1 लाख 16 हजार, बिहार में 1 लाख 14 हजार, पंजाब में 84 हजार, ओडिशा में 1 लाख, राजस्थान में 1 लाख 42 हजार, आंध्र प्रदेश में 1 लाख 75 हजार, तमिलनाडु में 1 लाख 5 हजार, गोवा में 1 लाख 99 हजार, मध्यप्रदेश में 1 लाख 10 हजार, छत्तीसगढ़ में 80 हजार, कर्नाटक में 1 लाख 65 हजार, पश्चिम बंगाल में 81 हजार 800 रुपए, हिमाचल प्रदेश में 1 लाख 90 हजार, हरियाणा में 1 लाख 55 हजार है.

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अग्निपथ योजना के खिलाफ लाया जा सकता है प्रस्ताव

वहीं माना जा रहा है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की तरह ही दिल्ली सरकार भी तीनों सशस्त्र बलों में जवानों की भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रस्ताव ला सकती है.