चंद पैसों के लालच में अपने अकाउंट को स्कैमर के हाथों में सौंपकर लोग साइबर क्राइम सिंडिकेट का हिस्सा बन रहे हैं। टेक्निकल सर्विलांस में उनके अकाउंट की डिटेल आने पर रेंट पर अकाउंट देने वाले पुलिस के शिकंजे में फंस रहे हैं। ताजा मामला आउटर नॉर्थ जिले का है। जहां साइबर थाने की पुलिस ने दो आरोपियों को अरेस्ट किया है, जिन्होंने अपने अकाउंट स्कैमर्स को सौंपे हुए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी जॉब स्कैम के आरोप में हुई है।

ऐसे ऑफर से सावधान रहें

डीसीपी हरेश्वर स्वामी के मुताबिक, रोहिणी सेक्टर-28 निवासी एक महिला ने साइबर स्कैम की कंप्लेंट दी। बताया कि करियर से जुड़ी एक कंपनी का जॉब कंसल्टेंट बताकर आशीष साहनी नाम के शख्स ने संपर्क किया। उन्हें पैनल एडवोकेट की जॉब का ऑफर दिया। रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज वेरिफिकेशन फीस के 39,498 रुपये जमा करा लिए। न तो कोई जॉब मिली, न ही रकम वापस मिली। इस शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।

दो आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

टेक्निकल और मैनुअल सर्विलांस से पता चला कि यह रकम ऐक्सिस बैंक अकाउंट में तीन ट्रांजैक्शन के साथ जमा की गई है। जो आगे एक प्राइवेट फाइनेंस बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी। ऐक्सिस बैंक अकाउंट होल्डर की पहचान मोहम्मद अकबर के तौर पर हुई। दूसरा अकाउंट संजय अहिरवाल के नाम पर था। दोनों का एड्रेस दिल्ली दिया गया था। सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने कई ठिकानों पर रेड की। आरोपी अक्सर अपने सिम और डिवाइस के साथ-साथ ठिकाने भी बदलते रहते थे। उपलब्ध और चेंज किए गए मोबाइल नंबरों और IMEI नंबरों पर लगातार निगरानी रखी गई। पहली कामयाबी आरोपी मोहम्मद अकबर की गिरफ्तारी से मिली।

ऑनलाइन जॉब के लिए ठगी की रकम करते थे इक्ट्ठा

आरोपी से लंबी पूछताछ में द्वारका सेक्टर 16 बी निवासी रूपेंद्र कुमार का नाम आया। एक अन्य सहयोगी संजय अहिरवाल का खुलासा किया। अकबर की निशानदेही पर आरोपी रूपेंद्र को पकड़ लिया। रूपेंद्र ने खुलासा किया कि मास्टरमाइंड आरोपी प्रद्युम्न पांडे है, जो ऑनलाइन जॉब के लिए ठगी की रकम इकट्ठा करने के लिए दूसरों द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खातों का इस्तेमाल करता है। आरोपी अकबर आठवीं क्लास तक पढ़ा है, फिलहाल बेरोजगार है। उसने 10% कमिशन के बदले में ठगी की रकम के लिए अपना ऐक्सिस बैंक अकाउंट रूपेंद्र को दिया। दूसरा आरोपी रूपेंद्र इस पूरे नेटवर्क का बिचौलिया है। 10% कमिशन के माध्यम से बैंक खातों का इंतजाम करता था। यह ट्रांसफर से लेकर निकासी तक करता था। पुलिस ने इनके पास से दो मोबाइल, एक पासबुक (ऐक्सिस बैंक), एक चेकबुक, एक सिम कार्ड बरामद किया है।

DCP की अपील

  • कोई भी पेमेंट करने से पहले जॉब पोर्टल को वेरिफाई करें।
  • अपने बैंक अकाउंट की डिटेल, ओटीपी या पहचान पत्र किसी अनजान के साथ शेयर न करें।
  • किसी भी साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत cyber-crime.gov.in पर रिपोर्ट करें या 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें।

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