नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केजरीवाल सरकार को घर-घर टीकाकरण शुरू करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया है. एक 84 वर्षीय महिला ने ये याचिका दायर की है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में बुजुर्ग और किसी परेशानी के कारण बिस्तर पर पड़े लोगों के लिए तत्काल आधार पर घर-घर टीकाकरण शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दिया समय

जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने इस संबंध में एक हलफनामा दायर करने के लिए तब समय दिया, जब दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि घर-घर टीकाकरण से संबंधित नीति केंद्र द्वारा पहले ही तैयार की जा चुकी है और राज्यों द्वारा लागू की जा चुकी है. अदालत इस मामले पर 12 जनवरी 2022 को आगे सुनवाई करेगी.

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याचिकाकर्ता के वकील मनन अग्रवाल ने तर्क दिया कि कई राज्यों में डोर-टू-डोर नीति शुरू की गई है, हालांकि दिल्ली सरकार ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और याचिकाकर्ता को अभी भी टीका नहीं लगाया गया है. जनहित याचिका (पीआईएल) में कहा गया है कि कई वरिष्ठ नागरिकों और बिस्तर पर पड़े बुजुर्ग लोगों, जो कोविड-19 की चपेट में हैं, के पास टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने के लिए कोई निजी परिवहन नहीं है और उनका ऐसा कोई परिवार का सदस्य भी नहीं है, जो पंजीकरण प्रक्रिया में उनकी मदद कर सके.

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याचिकाकर्ता धीरज अग्रवाल ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कोविड-19 वैक्सीन के पंजीकरण के लिए एक हेल्पलाइन नंबर और राजधानी में वरिष्ठ और अपाहिज नागरिकों के लिए डोर-टू-डोर कोविड-19 टीकाकरण के लिए तत्काल आधार पर एक नीति पेश करने का निर्देश देने की मांग की है. उम्रदराज याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर वह वैक्सीन केंद्र जाती हैं, तो वह कोविड-19 वायरस के संपर्क में आ सकती हैं, जो उनके लिए अधिक उम्र के कारण जानलेवा साबित हो सकता है.

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याचिकाकर्ता गठिया से पीड़ित हैं और ज्यादातर बिस्तर पर ही लेटी रहती हैं और उनके लिए उठना और टीकाकरण केंद्र जाना और टीका पाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना संभव नहीं है. उनकी खराब सेहत और ऐसी विपरीत परिस्थिति के कारण, उन्हें अभी तक कोविड-19 वैक्सीन की कोई भी खुराक नहीं मिल पाई है. याचिकाकर्ता ने बताया कि सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में पहले से ही वृद्ध और बिस्तर पर पड़े नागरिकों को उनके घरों में वैक्सीन लगाने के लिए एक डॉक्टर और एक नर्स की टीम भेजकर टीकाकरण की व्यवस्था है और इसी प्रकार से राष्ट्रीय राजधानी में भी व्यवस्था की जानी चाहिए.