दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High Court) ने बटला हाउस(Batla House) में 6 संपत्तियों के ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिससे स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिली है. ये निवासी DDA के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे. इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को रोस्टर बेंच के समक्ष होगी, तब तक बटला हाउस के निवासियों को राहत की सांस मिली है.
जस्टिस तेजस करिया ने सोमवार को मामले की अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. इसका मतलब है कि अगली सुनवाई तक बटला हाउस की इन संपत्तियों पर कोई भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. कोर्ट ने डीडीए को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को निर्धारित की गई है.
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सालों से हम तो यहीं हैं
हीना परवीन, जिन्नत कौसर, रुखसाना बेगम, निहाल फातिमा, सुफियान अहमद और साजिद फखर जैसे याचिकाकर्ताओं ने अदालत में अपने मामले को प्रस्तुत किया. उनके वकीलों, सोनिका घोष, अनुराग सक्सेना और गुरमुख दास कोहली ने यह तर्क दिया कि डीडीए का नोटिस गलत है और खसरा नंबर 279 में सभी संपत्तियां अवैध नहीं हैं. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे इन संपत्तियों में 1980-82 से निवास कर रहे हैं और इन्हें बिल्डरों से खरीदा गया था. कुछ दस्तावेज उर्दू और फारसी में थे, जिनका बाद में अनुवाद कराया गया.
DDA का पक्ष: कागजात कहां हैं?
डीडीए ने याचिकाओं का विरोध करते हुए यह कहा है कि निहाल फातिमा और अन्य के पास कोई वैध स्वामित्व दस्तावेज नहीं हैं. डीडीए का यह भी आरोप है कि कुछ दस्तावेज उस समय बनाए गए जब आदेश पारित किया जा रहा था. इसके अतिरिक्त, डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट में पहले ही सीमांकन रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसके आधार पर 4 जून को आदेश जारी किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को यह स्पष्ट किया था कि प्रभावित व्यक्तियों को कानून के तहत उचित कार्रवाई करने का अधिकार है. इसके बाद, हाईकोर्ट ने 4 जून को इशरत जहां के मामले में डीडीए को निर्देश दिया कि वह तीन हफ्तों के भीतर कार्रवाई और सीमांकन रिपोर्ट के संबंध में हलफनामा पेश करे. इससे पहले भी, बटला हाउस के कुछ निवासियों को हाईकोर्ट से डीडीए के नोटिस के खिलाफ संरक्षण प्राप्त हो चुका है.
क्या है खसरा नंबर 279 का विवाद?
खसरा नंबर 279 में कुल 34 बीघा जमीन है, जिसमें से केवल 2 बीघा और 10 बिस्वा पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस खसरा में सभी संपत्तियां अवैध नहीं हैं, और डीडीए का नोटिस स्पष्टता की कमी से जूझ रहा है.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के दक्षिण-पूर्वी ओखला क्षेत्र में बटला हाउस की छह संपत्तियों को डीडीए ने मई 2025 में ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया है. निवासियों का कहना है कि इनमें से कुछ संपत्तियां खसरा नंबर 279 के बाहर स्थित हैं, जबकि कुछ इस खसरा के भीतर आती हैं. महत्वपूर्ण यह है कि ये संपत्तियां पीएम उदय योजना के तहत कवर होने का दावा करती हैं. निवासियों ने डीडीए के इस नोटिस को चुनौती दी है, क्योंकि इसमें संपत्तियों की स्पष्ट सीमांकन नहीं की गई है.
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