Delhi-NCR Work From Home: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में हवा की गुणवत्ता ने बेहद खतरनाक स्तर में पहुंच गया है। हालात यह है कि दिल्ली में प्रदूषण (Delhi pollution) से सांस लेना मुश्किल हो गया है। शनिवार सुबह AQI 439 तक पहुंच चुका है, जोकि हैजडर्स श्रेणी में है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर इतना खतरनाक है जैसे कोई व्यक्ति एक दिन में लगभग 11 सिगरेट पी रहा हो। इस दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है। दिल्ली सीएम ने 50% कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया है। वहीं सीमाओं पर वाहनों की निगरानी बढ़ाई गई है।

दरअसल, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की सलाह के बाद दिल्ली में काम करने वाले 50 फीसदी सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया जा सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक हवा की ये स्थिति बेहद खतरनाक है। अब यह सीवियर से भी ऊपर जा चुकी है. इसकी बड़ी वजह हवा में PM2.5 का लेवल 294 और PM10 का 390 माइक्रोग्राम होना है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया है कि प्रदूषण के बीच दिल्ली में GRAP-3 लागू है। इसमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एक नई जानकारी दी है। यह GRAP-3 का फेज 2 है, जिसमें GRAP-4 के कुछ प्रावधान भी जोड़े जा रहे हैं। इसके तहत 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। इसी के साथ दिल्ली में आने वाले सभी वाहनों पर बॉर्डर पर ही नजर रखी जा रही है, जहां-जहां धूल-मिट्टी और प्रदूषण है ज्यादा है वहां पानी का छिड़काव किया जा रहा है।

CAQM का क्या है फैसला? 

दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू किया गया है। इनमें कई तरह की पाबंदियां हैं. इसी ग्रैप-3 को अब थोड़ा और सख्त किया जा रहा है. यानी ग्रैप-3 का फेज-2 लागू किया जा रहा है। इसमें दिल्ली और एनसीआर के राज्य और केंद्र सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने की सलाह दी गई है। ऐसे में सरकारें इसपर जल्द फैसला ले सकती हैं। सरकारी कर्मचारियों के अलावा, प्राइवेट इम्पलॉई के लिए भी यह नियम लागू हो सकता है> हालांकि, फिलहाल के लिए आयोग की सलाह सरकारी कर्मचारियों के लिए है।

WFH सिस्टम लागू होने के बाद कैसे होगा काम? 

दरअसल, जब भी सरकार की ओर से WFH यानी वर्क फ्रॉम होम लागू किया जाता है, तब कार्यालयों में आधी मैनपावर के साथ काम होता है। मान लीजिए किसी ऑफिस में 100 कर्मचारी काम कर रहे हैं, तो नियम लागू होने के बाद 50 लोग ही दफ्तर आएंगे। बाकी 50 लोगों को घर से जुड़े रहना होगा। अब यह सिस्टम कैसे बनेगा, यह नियम सरकार तय करती है. चाहे एक-एक हफ्ते का नियम हो या फिर ऑड-ईवन दिनों का। यानी एक दिन आधे कर्मचारी दफ्तर आएं, और दूसरे दिन वही कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करें फिर तीसरे दिन ऑफिस आएं।

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