Delhi News: नई दिल्ली. दिल्ली में शुक्रवार से 16वें अर्बन मोबिलिटी (शहरी गतिशीलता) भारत सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. सम्मेलन में शहरी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कैसे कम लागत में बेहतर बनाया जा सके, इस पर चर्चा होगी.

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय सम्मेलन में अर्बन मोबिलिटी क्षेत्र में भारत समेत दुनिया के अलग-अलग शहरों हो रहे सर्वोत्तम प्रयोगों पर भी चर्चा होगी. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के विशेष कर्तव्य अधिकारी (शहरी परिवहन) जयदीप ने गुरुवार को मानेकशॉ केंद्र में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी.

जयदीप ने बताया कि सम्मेलन में अर्बन मोबिलिटी के क्षेत्र में हो रहे कामों पर चर्चा होगी. इसमें भारत के सभी शहरों के मेट्रो प्रबंधकों की भागीदारी होगी. उन्होंने कहा कि इसमें कोविड-19 के दौरान सीखे गए सबक और अर्बन मोबिलिटी के क्षेत्र में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा होगी. खासतौर से कम लागत वाले शहरी परिवहन पर फोकस रहेगा, ताकि भविष्य में किसी महामारी से बढ़ने वाले आर्थिक बोझ से निपटा जा सके.

मेट्रो सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रही थीं जयदीप ने कहा कि कोविड-19 के दौरान मेट्रो और अन्य परिवहन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. मेट्रो का परिचालन भी बंद रहा. इस दौरान कई शहरों ने अच्छी शुरुआत की, जो बेहद सफल रही. उन सर्वोत्तम प्रथाओं से भी हम सबक लेंगे.

दो मेट्रो लाइन को जल्द मंजूरी उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में हमारा इंटीग्रेटेड परिवहन व्यवस्था पर जोर रहेगा, जिसमें लास्ट माइल कनेक्टविटी, इलेक्ट्रिक बसें और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जैसी सेवाओं को शामिल किया जाएगा. दिल्ली मेट्रो फेज चार के तीन कॉरिडोर की मंजूरी के सवाल पर कहा कि दो लाइन पर जल्द मंजूरी मिल सकती है. एक लाइन रिठाला-बवाना के लिए नए सिरे से डीपीआर तैयार होगा, क्योंकि इसे कुंडली तक ले जाने की तैयारी है.