नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया साइट Twitter से ‘बुली बाई’ APP के बारे में जानकारी मांगी है और इस पर पोस्ट की गई महिलाओं से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री को हटाने को कहा है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि दिल्ली की एक महिला पत्रकार ने दिल्ली पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने गिटहब प्लेटफॉर्म पर बनाए गए एक मोबाइल APP ‘बुली बाई’ पर उसकी तस्वीर पोस्ट कर उस पर आपत्तिजनक और अश्लील बातें लिखी थी. इस पर अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाकर उनका अपमान किया गया है.

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इस APP पर अनेक महिलाओं की तस्वीरें हैं और इनमें पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, मशहूर शख्सियतें हैं. इस मामले का खुलासा एक जनवरी को हुआ और इस पर काफी अश्लील बातें लिखी गई हैं. ‘बुली बाई’ APP पर तस्वीरें डालना पिछले वर्ष जुलाई में ‘सुल्ली डील्स’ पर डाली गई तस्वीरों के समान ही है. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस पत्र में सॉफ्टवेयर को विकसित करने वाले प्लेटफॉर्म गिटहब से बुली बाई ऐप डेवलेपर के बारे में जानकारी मांगी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस महिला पत्रकार ने अपनी शिकायत में कहा था कि एक जनवरी को उसने बेबसाइट बुलीबाईडाटगिटहबडाटआईओ पर खुद की एक तस्वीर देखी थी, जिसके साथ छेड़छाड़ कर उसके लिए अनुपयुक्त बातें लिखी गई थी.

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शिकायत में कहा गया है कि यह APP अपने आप में ही अशोभनीय है और इस पर लिखी गई बातें अपमानजनक हैं, जिसका मकसद मुस्लिम महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखना है. शिकायत में कहा गया है कि यह पूरा पोर्टल ही मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है और इस बात की पूरी जांच की जानी जरूरी है कि कहीं यह संगठित षडयंत्र के तहत तो नहीं किया गया है. इसे एक ट्विटर हैंडल एट द रेट ऑफ बुलीबाई से भी प्रमोट किया जा रहा है, जिसमें एक खालिस्तान समर्थक महिला की तस्वीर प्रदर्शित की गई है और यह भी लिखा है कि इस महिला को इस ऐप के जरिए बुक किया जा सकता है. इस हैंडल का इस्तेमाल खालिस्तान से जुड़ी सामग्री को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में रविवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जो सोशल मीडिया पर महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट कर उन्हें बदनाम करने की साजिश में लिप्त थे.