दिल्ली में शराब की बिक्री को लेकर बड़ा बदलाव होने की संभावना है। भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार जल्द ही नई एक्साइज पॉलिसी लागू कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित नीति में शराब की दुकानों को गली-मोहल्लों से हटाकर मुख्य सड़कों या व्यावसायिक क्षेत्रों में शिफ्ट करने की योजना है। इसके अलावा शहर में केवल सरकारी ठेकों के माध्यम से ही शराब की बिक्री की अनुमति देने पर भी विचार किया जा रहा है। नई नीति के तहत शराब की उपलब्धता को नियंत्रित और सुव्यवस्थित करने पर जोर होगा। इसके साथ ही शराब के दामों में भी बदलाव संभव है।

एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नई नीति के तहत शराब की दुकानों को आवासीय इलाकों, स्कूलों, कॉलेजों और धार्मिक स्थलों से यथासंभव दूर रखा जाएगा। वर्तमान में कई दुकानें गली-मोहल्लों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित हैं, जिन्हें हटाकर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल्स जैसे नियंत्रित व्यवसायिक स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, इस नीति के तहत शराब की रिटेल बिक्री का अधिकार केवल सरकारी संस्थाओं के पास रहेगा। बताया जा रहा है कि सरकार के चार निगम पूरे शहर में रिटेल बिक्री संचालित करेंगे, जबकि निजी कंपनियों को अब शराब की दुकान चलाने की अनुमति नहीं होगी। सूत्रों का कहना है कि इस नई एक्साइज पॉलिसी का मसौदा हाई लेवल कमिटी ने तैयार कर लिया है और इसे अंततः जारी करने के लिए सिर्फ आधिकारिक अनुमोदन का इंतजार है। प्रस्तावित नीति को अंतिम रूप देने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक बैठक होनी थी, लेकिन इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया।

कीमतों को लेकर भी बदलाव संभव

नई नीति में शराब पर प्रॉफिट मार्जिन को लेकर भी महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रति बोतल 50 रुपये इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) और 100 रुपये आयातित ब्रैंड्स पर मार्जिन बढ़ाने की तैयारी है। एक अधिकारी ने बताया कि यदि मार्जिन बढ़ाया जाता है, तो खुदरा विक्रेताओं को सस्ती शराब की बजाय अच्छी गुणवत्ता वाले ब्रैंड्स उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। अधिकारी के हवाले से कहा “मार्जिन बढ़ने से दुकान संचालक कुछ चुनिंदा सस्ती ब्रैंड्स को बढ़ावा देने के बजाय बेहतर और मानक शराब रखने पर ध्यान देंगे। इससे बाजार में गुणवत्ता-आधारित प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।”

अभी क्या चल रही है व्यवस्था

सूत्रों के अनुसार, नई पॉलिसी में सरकारी नियंत्रण को मजबूत किया जा रहा है। प्रस्ताव है कि शराब की रिटेल बिक्री पूरी तरह सरकारी निगमों के माध्यम से ही होगी, और निजी कंपनियों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। वर्तमान में दिल्ली में 700 से अधिक शराब दुकानें हैं, जिन्हें उपरोक्त चार निगम ही चलाते हैं। नई नीति लागू होने पर दुकानों के स्थान, मार्जिन और संचालन दोनों स्तरों पर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके लिए शहर में 4 सरकारी निगमों को जिम्मेदारी दी जाएगी

दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (DSIIDC)

दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (DTTDC)

दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन (DSCSC)

दिल्ली कंज्यूमर्स को-ऑपरेटिव होलसेल स्टोर

शराब नीति ने छीनी सरकार

इससे पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार ने वर्ष 2021-22 में नई शराब नीति लागू की थी। उस समय सरकार ने रिटेल बिक्री का संचालन सरकारी दुकानों की बजाय निजी कंपनियों को सौंप दिया था। हालांकि, इस नीति पर बाद में अनियमितताओं और घोटाले के आरोप लगे। जांच के दायरे में आने के बाद उस समय के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस मामले में गिरफ्तारी और पूछताछ का सामना कर चुके हैं।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m

देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक