नई दिल्ली। दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने आज नाथ मार्ग स्थित संभागीय आयुक्त कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण का उद्देश्य जाति प्रमाण पत्र को जारी करने में हो रही अनावश्यक देरी और लंबित मामलों की जांच करना था. ज्यादातर उन छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो स्कूलों और कॉलेजों में एडमिशन लेना चाहते हैं. उन्हें एडमिशन के लिए जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है.
रिकॉर्ड रूम के आंकड़ों का सत्यापन
निरीक्षण करने पर मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को पता चला कि अधिकारी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी कर रहे हैं, तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से रिकॉर्ड रूम के आंकड़ों का सत्यापन किया और पाया कि जिन अभिलेखों को 3-4 दिनों के अंदर निपटाया जा सकता था, उन्हें 15 से 20 दिनों से रखा गया था.

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समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा, “मेरे संज्ञान में आया है कि कई लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में देरी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. निरीक्षण के बाद मुझे पता चला है कि कर्मचारी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसलिए मैंने सख्त आदेश जारी किए हैं कि सभी कर्मचारी इस मामले में संवेदनशीलता के साथ काम करें. जाति प्रमाण पत्र के आए मामलों को निपटाने में 2-3 दिन से अधिक का समय न लिया जाए. यदि कोई इन आदेशों का पालन करने में विफल रहता है, तो विभाग द्वारा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने यह भी सुझाव दिया कि जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन की प्रक्रिया को डिजिटल किया जाना चाहिए, ताकि संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को हार्ड कॉपी भेजने में लगने वाला समय कम हो. उन्होंने यह भी कहा कि नियमित प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

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मंत्री ने सभी अधिकारियों को प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज करने का आदेश दिया और कहा कि कोई भी अफसर आदेश अनुपालन नहीं करता है, तो उसे कार्रवाई का सामना करना होगा.