कुछ हासिल करना है, तो उसे मानसिक संतुष्टि के लिए करें, मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर जीवनशैली जरूरी : सत्येंद्र जैन
इस आयोजन में परिवहन विभाग ने दिल्ली में रोड सेफ्टी और उससे सम्बंधित पॉलिसियों पर काम करने के लिए परिवहन मंत्री की उपस्थिति में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (IIT-दिल्ली) के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (FITT) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए.
ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रॉपीज़ इनिशिएटिव फॉर ग्लोबल रोड सेफ्टी (BIGRS) सड़क दुर्घटनाओं, चोटों और मौतों को कम करने के लिए साक्ष्य-आधारित संचार रणनीतियों को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए परिवहन विभाग को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है. शिखर सम्मेलन में आईआईटी-दिल्ली की ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजुरी प्रिवेंशन सेंटर (टीआरआईपी केंद्र) द्वारा प्रस्तुतियां भी शामिल थीं, जिसमें बताया गया कि कैसे निरंतर प्रवर्तन के साथ साक्ष्य-आधारित वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यास सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करती हैं और कैसे क्रॉसवॉक के माध्यम से स्कूलों के आसपास सुरक्षित क्षेत्र बनाया जा सकता है.
संयुक्त प्रयासों से होगा फायदा
इस मौके पर बोलते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा “हमें दिल्ली में सभी स्टेकहोल्डरों के साथ सड़क सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शामिल होने, सुरक्षित सड़क सम्बन्धी बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और दिल्ली की सड़कों को सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित बनाने की योजना पर काम करने में प्रसन्नता हो रही है. हमारा विज़न दिल्ली में दुर्घटनाओं की संख्या को कम करना है और इस शिखर सम्मेलन के बाद हमें विश्वास है कि यह हमारे संयुक्त प्रयासों के माध्यम से इसे हासिल किया जा सकता है.“
शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालों ने दिनेश मोहन को श्रद्धांजलि भी दी. दिनेश मोहन TRIP के संस्थापक और IIT-दिल्ली में मानद प्रोफेसर के साथ ही एक प्रसिद्ध सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ भी थे, जिन्होंने पेडेस्ट्रियन सुरक्षा को बढ़ावा दिया. इनका इसी साल मई में कोविड -19 के कारण निधन हो गया.
दिलराज कौर, सचिव, पीडब्ल्यूडी, उदित प्रकाश राय, विशेष सचिव, स्वास्थ्य, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक अमित भट्ट अग्रवाल और नैक्टो-जीडीसीआई के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अभिमन्यु प्रकाश ने सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया और बेहतर बुनियादी ढांचे और यातायात कानूनों को लागू करने सहित समग्र दृष्टिकोण के साथ गति सीमा को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया.
इस शिखर सम्मेलन में हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली परिवहन विभाग में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए प्रमुख सरकारी स्टेक होल्डर्स और बाहरी विशेषज्ञों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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