नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा आयोजित दूसरे ऑनलाइन वेलनेस समेल्लन में हिस्सा लिया. यह वर्चुअल सम्मेलन महामारी के समय में स्वास्थ्य के पहलुओं पर केंद्रित था. इसके आलावा इसमें आयुर्वेद के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई. इस ऑनलाइन सम्मलेन के माध्यम से सत्येंद्र जैन ने कॉर्पोरेट में काम की परिस्थियों को स्वास्थ्य के अनुरूप बनाने पर ज़ोर दिया.

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स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि स्वास्थ्य हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसे बनाए रखने के लिए हमें लगातार प्रयास करने चाहिए. उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमें बेहतर जीवन शैली अपनाने की जरूरत है और अगर जीवन में कुछ हासिल करना है, तो उसे शारीरिक संतुष्टि के बजाय मानसिक संतुष्टि के लिए करना चाहिए.
स्वास्थ्य पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी- सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमें बीमारियों पर नहीं बल्कि स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए. हमारे मापदंड ये हैं कि हमने कितनी बीमारियों का इलाज किया, जबकि जरूरी यह है कि हमें कोई बीमारी न हो. हमारे समाज में खराब जीवनशैली बीमारियों का कारण है, इसे ठीक करने के लिए देशभर में बड़े स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है. हमें बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर जीवनशैली अपनाने की जरूरत है.”

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उन्होंने आगे कहा कि “आज कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाले काफी सारे नौजवान बीमार हैं. अधिक काम की वजह से वे काफी तनाव में रहते हैं. कई नौजवान 18-18 घंटे तक काम करते हैं, जो उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है. हमें इस चीज़ पर ध्यान देने की जरूरत है कि काम की स्थिति तनावपूर्ण न हो.”

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सत्येंद्र जैन ने कहा, “युवा पीढ़ी जीवन से जुड़े बाहरी सुख जैसे घर और गाड़ी को बहुत महत्व देती है, लेकिन स्वयं के जीवन को नहीं. हमने जीवन को बहुत पीछे छोड़ दिया है, लेकिन जीवन की कुछ बाहरी चीजों को बहुत महत्व दिया है. हमें उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि जीवन अनमोल है. किसी भी चीज को पाने के लिए मेहनत करने की जरूरत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसके लिए तनाव लिया जाए. जीवन में कुछ भी हासिल करना है, तो उसे अपने आंतरिक संतुष्टि के लिए करें ना की शारीरिक संतुष्टि के लिए.”

मोबाइल पर निर्भरता घटानी होगी

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “तनाव का एक बहुत बड़ा कारण ओवर-कनेक्टिविटी भी है. कनेक्टिविटी दो पहलुओं पर काम कर रही है. एक तरफ हम सब सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ अपने असल सामाजिक जीवन में सबसे संपर्क टूट रहा है. रात में सोने से पहले या फिर सुबह उठने के बाद हम सब सबसे पहले अपना मोबाइल फोन ही देखते हैं. आज हमारे देश के युवा 8 से 10 घंटे मोबाइल पर ही बिताते हैं. हमें इसे एक उपकरण की तरह इस्तेमाल करना चाहिए न कि जीवन की तरह. हमें इस पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए. हमें सामाजिक रूप से एक-दूसरे से जुड़ने की जरूरत है और सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करने की जरूरत है. हमें सोने से एक घंटे पहले और उठने के एक घंटे बाद सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने की कोशिश करनी चाहिए.”

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सत्येंद्र जैन ने कहा कि “हमें अंधी दौड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. जितने भी सफल व्यक्ति हैं, उन सभी को युवाओं के साथ अपने जीवन के उतार-चढ़ाव को साझा करना चाहिए और जो चीजें दिल के करीब है, उन्हें करना चाहिए. इससे तनाव को जीवन से कम करने में मदद मिलेगी. जीवन में सबको साथ लेकर चलने से जीवन और आसान और खूबसूरत होगा.”