दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) के दो चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है. यह एक्सप्रेसवे अक्षरधाम से शुरू होकर बागपत के खेकड़ा तक फैला हुआ है. दिल्ली में इसका एक हिस्सा एलिवेटिड है, जबकि बाकी का हिस्सा जमीन पर स्थित है. कुल 32 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का कार्य समाप्त हो गया है और इसे अगस्त में जनता के लिए खोलने की योजना है.

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एक्सप्रेसवे, जो दिल्ली से देहरादून तक 210 किलोमीटर लंबा है, के पूर्ण होने पर यात्रा समय को 6 घंटे से घटाकर 2.5 घंटे करने की उम्मीद है. हालांकि, यह परियोजना कई बार समय सीमा चूक चुकी है, जिसका मुख्य कारण बागपत में एक मकान है, जिसके चलते कार्य में देरी हुई है. यह मामला वर्तमान में न्यायालय में लंबित है. सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने यहां रैंप के बिना एक्सप्रेसवे को खोलने का सुझाव दिया है.

इस मामले में निर्णय नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को लेना है. अगस्त में खेकड़ा तक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जा सकता है, जिससे पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में यातायात जाम से राहत मिलेगी. इसके अतिरिक्त, एक्सप्रेसवे के अगले चरणों का कार्य भी तेजी से प्रगति पर है. जब यह एक्सप्रेसवे पूरा हो जाएगा, तो दिल्ली से देहरादून की यात्रा करना काफी सरल हो जाएगा.

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दिल्ली और इन इलाकों में घटेगा जाम

एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद अक्षरधाम से लक्ष्मीनगर, गीता कॉलोनी, लोहे का पुल (कैलाश कॉलोनी), शास्त्री पार्क न्यू उस्मानपुर, करतार नगर, खजूरी खास चौक, बिहारीपुर, अंकुर विहार, शारदा सिटी, पावी पुश्ता (लोनी), और मंडोला एनबीसीसी टाउनशिप से बापगत (मवीकला) तक ट्रैफिक जाम में उल्लेखनीय कमी आएगी.

3 एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ जाएंगे

यह एक्सप्रेसवे अक्षरधाम से बागपत तक बनकर तैयार हो चुका है और इसे बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल से जोड़ा गया है. ईस्टर्न पेरिफेरल पहले से ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है, जिससे तीनों एक्सप्रेसवे आपस में एकीकृत हो जाएंगे. इस विकास से यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी.

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2023 में पूरी होनी थी परियोजना

यह परियोजना 2023 में समाप्त होने की योजना थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें बार-बार देरी होती रही. इस एक्सप्रेसवे ने रियल एस्टेट क्षेत्र को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रोत्साहित किया है.