नई दिल्ली . राजधानी में हवा फिर से जहरीली हो गई है. गुरुवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी की दहलीज पर पहुंच गया है. प्रदूषण के स्तर में हुई तेज बढ़ोतरी को इससे समझा जा सकता है कि चौबीस घंटे के भीतर ही 108 अंकों का इजाफा सूचकांक में हुआ है. 18 इलाकों की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है.

राजधानी में इस बार प्रदूषण की परेशानी लंबी खिंचती जा रही है. 20 अक्तूबर के बाद एक भी दिन ऐसा नहीं रहा है जब हवा सांस लेने लायक रही हो. इस दौरान हवा खराब, बेहद खराब, गंभीर या अत्यंत गंभीर श्रेणी में रही है. सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश के बाद बुधवार को भी प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया था, लेकिन एक दिन बाद ही गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी की दहलीज पर पहुंच गया है.

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 398 के अंक पर रहा. इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन यह गंभीर श्रेणी से सिर्फ तीन अंक नीचे है. बुधवार को सूचकांक 290 के अंक पर रहा था. यानी चौबीस घंटे के भीतर ही सूचकांक में 108 अंकों की बढ़ोतरी हुई है.

सूचकांक 400 पार दिल्ली के 18 इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक गुरुवार शाम चार बजे गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. इन सभी जगहों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर है. मुंडका और वजीरपुर इलाके का सूचकांक 450 से ऊपर यानी हवा अत्यंत गंभीर श्रेणी में पहुंची गया. दिल्ली में इस समय हवा की रफ्तार सुस्त पड़ गई है. खासतौर पर बुधवार को हवा की रफ्तार बहुत कम रही.

धूप नहीं निकलने से सामान्य से कम रहा तापमान

इस बार का नवंबर सामान्य से आधा डिग्री ज्यादा ठंडा रहा है. हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य रहा है. हवा की रफ्तार कम होने और तेज धूप नहीं निकलने के चलते अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की गई है. मौसम विभाग के मुताबिक सफदरजंग मौसम केन्द्र में नवंबर महीने का औसत अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस रहता है. लेकिन, इस बार महीने का औसत अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस रहा है. जो कि सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस कम है. वहीं, महीने का औसत न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहता है.