नई दिल्ली. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गुरुवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना रहेगा, जो 339 पर आ जाएगा, जिसमें पीएम 2.5 प्रमुख प्रदूषक होगा. दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, मंगलवार को एक्यूआई फिसलकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आ गया.

साथ ही औसत हवा की गति 10 किमी प्रति घंटे से कम है. 7 नवंबर से तेज हवाओं के साथ हवा की गुणवत्ता में सुधार शुरू हो सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 6 और 7 नवंबर को तेज हवाएं चलने की भविष्यवाणी की है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा कि 301 से 400 के बीच एक्यूआई को ‘बहुत खराब’ माना जाता है, और इससे लंबे समय तक संपर्क में रहने पर सांस की बीमारी हो सकती है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पराली जलाने से होने वाले प्रभाव से पीएम 2.5 प्रदूषकों का स्तर 38 फीसदी तक बढ़ जाएगा. दिवाली की रात और शुक्रवार की सुबह 1 बजे से सुबह 6 बजे के बीच पीएम 10 और पीएम 2.5 का पीक लेवल रहने की संभावना है. यहां तक कि अगर 2020 में 50 प्रतिशत पटाखे भी इस दीवाली में होते हैं, तो हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ हो जाएगी. और पटाखों के बिना हवा की गुणवत्ता 5 और 6 नवंबर को ‘बहुत खराब’ रहेगी. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के संस्थापक और परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने आईएएनएस को यह जानकारी दी.

इस बीच, आईएमडी के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. सुबह 8.30 बजे सापेक्षिक आद्र्रता 88 फीसदी दर्ज की गई.