अमित पवार, बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में बीते दिनों जिला अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही से एक आदिवासी महिला की मौत हुई थी। इसके विरोध में आदिवासी संगठन के कार्यकर्ताओं ने 4 घंटे तक उग्र प्रदर्शन कर विरोध जताया। बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में पहुंचे चिकित्सा स्वास्थय मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने उनकी बात सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। 

7 दिन की बच्ची को गोद में लेकर नेता-अधिकारी की राह देखते रहे परिजन

मृतिका के परिजन 7 दिन की बच्ची को गोद में लेकर अधिकारी और नेताओं की राह देखते रहे। हालांकि, मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने महिला की मौत की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच दल गठित करने का आश्वासन दिया। वहीं जिस डॉक्टर वंदना धाकड़ ने मृतिका के परिजनों से कोरे कागज पर अंगूठा लगवाया था, उसे जांच से अलग रखने के निर्देश दिए हैं। 

डॉक्टर धाकड़ दंपति के खिलाफ अवैध वसूली की शिकायत

आदिवासियों ने मंत्री से डॉक्टर धाकड़ दंपति के खिलाफ अवैध वसूली और डराने-धमकाने की शिकायत भी की। जिसे लेकर मंत्री ने तत्काल एक्शन लेने का आश्वासन भी दिया। परिजनों ने जांच पूरी होने तक ड्यूटी से डॉक्टर दंपति को निलंबित करने की मांग भी की। जिसे लेकर मंत्री ने अधिकारियों को जरुरी निर्देश दिए और निष्पक्ष जांच करवाने का आदेश दिया।

आदिवासी संगठनों ने आंदोलन स्थगित किया

मंत्री के आश्वासन के बाद आदिवासी संगठनों ने आंदोलन स्थगित किया। परिवार को आर्थिक सहायता का भी आश्वासन दिया गया। जिसके बाद शव अंतिम संस्कार के लिए उसके गांव भिजवाया गया। इस बीच आदिवासी संगठनों ने साफ चेतावनी दी है कि मामले में जल्द कोई कार्यवाही नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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