मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) में गर्मी (Summer) का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में दिन के समय में भी बिजली की डिमांड (Demand for Electricity Increased) बढ़ गई है। इसी बीच थर्मल पावर प्लांट (Thermal Power Plants) की उत्पादन यूनिटें बंद हो रही हैं। इससे बिजली का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। साथ ही बिजली सप्लाई पर असर पड़ सकता है। शहर में भीषण गर्मी व तेज धूप के कारण लोगों का हाल बेहाल हो गया है।

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दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की डिमांड कम होने के बाद भी कटौती शुरू हो गई है। बतादें कि गर्मी के दिनों में प्रदेश में बिजली की डिमांड 15000 मेगावाट से ऊपर चली जाती है। बिजली की डिमांड ज्यादा बढ़ जाने पर बिजली सप्लाई प्रभावित होती है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए बिजली कंपनियां बिजली कटौती करती हैं। इससे बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय थर्मल पॉवर प्लांट की यूनिट बंद होने से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है।]

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इधर राजधानी भोपाल में पिछले कई महीनों से मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है। बिजली का मेंटेनेंस पूरा ही नहीं हो पा रहा है यही हाल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों का भी है। यहां 5 से 6 घंटे तक बिजली काटी जा रही है। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में फाल्ट हो जाए या ट्रांसफार्मर खराब हो जाए, तो बिजली सप्लाई होने में 1 से 2 दिन तक लग जाते हैं।

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प्रदेश में अब बिजली की डिमांड हर साल बढ़ रही है पिछले साल दिसंबर में बिजली की डिमांड प्रदेश में 17714 मेगावाट तक पहुंच चुकी थी इससे पहले जनवरी 2023 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 17170 मेगावाट तक पहुंच चुकी है बिजली कंपनियों का अनुमान है कि इस साल प्रदेश में बिजली की डिमांड 18000 मेगावाट तक पहुंच सकती है।

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