
कुशीनगर. एक तरफ कुशीनगर जिले में पहली चीनी मिल ने गुरुवार को पेराई सत्र 2023-24 की शुरुआत सांसद के हाथों कराई. वहीं दूसरी तरफ जिले में बकाया गन्ना भुगतान कराने की मांग को लेकर भाकियू (अम्बावता) के कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को ज्ञापन सौपा. इस मामले पर कुशीनगर सांसद ने किसानों का पेमेंट और भाजपा सरकार में बंद हुई कप्तानगंज चिनीमिल को चलाना सरकार की मंशा में बताया. जिसपर पलटवार करते हुए किसान नेता रामचंद्र ने मांग न पूरी होने पर चेतावनी दी.
बताते चले की जनपद के कप्तानगंज चीनी मिल पर पेराई सत्र 2021-22 का किसानों के गन्ने का भुगतान 77 करोड़ 12 लाख रुपए के लगभग बकाया है. जिसकी जानकारी लगातार किसानों के हित में आवाज बुलंद करने वाले भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) की जिला इकाई कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह करते है. अपने कार्यकर्ताओं के साथ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबोधन दो सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कृष्ण गोपाल त्रिपाठी तहसीलदार, कप्तानगंज को सौपते हुए पुनः अवगत कराए हैं.
किसानों के नेता रामचंद्र सिंह ने इस बकाए गन्ने का भुगतान कराने के लिए कहा कि हमारे यूनियन द्वारा लगातार मांग करने के बाद भी किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं हुआ, जो किसानों के साथ धोखा है. सरकार के आदेश का पालन मिल प्रबंधन और जिले के जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों द्वारा नहीं किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह मुख्यमंत्री से मांग किए है कि 30 सितम्बर 2023 को कप्तानगंज डिस्टलरी के स्क्रैप का वेलुएशन लगभग 62 लाख 30 हजार का किया गया मगर अभी तक नीलामी नही हो सकी. इस कार्य में त्वरित कार्यवाही किया जाए और स्क्रैप बिकने से जो रुपए आता है उसे डिस्टलरी के कर्मचारियों का वेतन बकाया है उसे कराया जाए और जो धन बचता है उससे किसानों के गन्ने का भुगतान जो बकाया है उसे कराया जाए.
28 जुलाई 2023 को कप्तानगंज चीनी मिल को सील किया गया था और अभी तक नीलामी की प्रतिक्रिया ठप पड़ी है. इसमें तेजी लाया जाए और जितना जल्दी हो सके मिल की नीलामी करके किसानों के गन्ने के भुगतान सहित जो भी बकाया मिल पर है उसे पूरा किया जाए. उपरोक्त मांगों के ऊपर सरकार त्वरित कार्यवाही करें ताकि जो पीड़ित किसान और मजदूर है उनके साथ न्याय हो सके.
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किसानों के गन्ना बकाया के सवाल पर कुशीनगर संसद ने कहा कि इलाके में गन्ना की पैदावार बढ़ी है, लेकिन एक चीनी मिल बंद हुई जिसे पुनः शुरू कराने की कोशिश की जा रही है. अगर मिल नही चलाना होता तो उसे नीलाम कर किसानों का पेमेंट दे दिया जाता पर हमारी मंशा मिल को चलाने और किसानो के भुकतान दोनों की. दोनों ही सरकार की नजर में है.
दूसरी तरफ किसान नेता रामचन्द्र सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों की मांगों के ऊपर सरकार एक महीने में कोई भी कार्यवाही नहीं करती है तो यूनियन को जनहित में कोई ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी. इस मौके पर यूनियन के जिला सचिव चेतई प्रसाद, मिर्जा बेग, जवाहर प्रसाद, बबलू चौधरी, राजेश्वर, कृष्णा, दिग्विजय कुशवाहा, राम दरश, दीपक, सत्यम, अखिलेश के साथ साथ अन्य किसान मौजूद रहे.
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