गोविन्द पटेल, कुशीनगर. किसानों के लिए जिले के नहरों की जाल बिछाई गई हैं. जिसमें पहाड़ों के पानी संग आई मिट्टी (बालू) को हर साल सरकार सफाई कराती है. जिससे किसानों के खेतों में नहरो के हेड से टेल तक पानी जा सके, लेकिन इस बार सिल्ट सफाई से जुड़े ठेकेदारों की अपनी एक अलग ही समस्या से जूझ रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 का भुकतान अबतक इन ठेकेदारों को नही मिल पाया है. मार्च माह में ही अपने कार्यो को पूरा करने के बाद भी अब तक अपने पेमेंट को पाने के लिए ठेकेदार सिचाई विभाग के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं.

पहले धन की कमी से यह समस्या पूरे प्रदेश में थी. जिसके बाद सिल्ट सफाई ठेकेदार संघ ने पहल करते हुए सभी सिंचाई विभाग के कार्यालयों पर बैनर लगा कर ठेका न चलाने की चेतावनी दी. ठेकेदारों के संघ की मांग पर सरकार ने जिला सिंचाई विभाग को धन भेज दिया. लेकिन कुशीनगर जिले में तैनात सिचाई विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण पेमेंट काफी धीमा है. ठेकेदार संघ की माने तो जहां देवरिया में सरकार से आये धन के बाद 70 फीसदी तक ठेकेदारों का भुकतान हो गया. वहीं कुशीनगर में लगभग 35 फीसदी ही भुकतान हुआ है.

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कुशीनगर जिले में स्थित एक सिचाई विभाग कार्यालय में पहुंची किन्नर समुदाय से जुड़ी ठेकेदार एकता महेश्वरी ने ठेकेदारों की समस्या को बताया. ठेकेदार एकता बताती हैं कि वह “सरकार के साथ सिल्ट सफाई में ड्रोन सर्वे का कार्य करती है. प्रदेश भर में उनके द्वारा बड़े पैमाने पर ठेका लेकर नहरों में चल रहे सिल्ट सफाई पर ड्रोन से निगरानी कराया जाता, जिसमें अपनी टीम लगाती हैं पिछले वित्तीय वर्ष में हम लोगों ने जो काम कराया उसका बिल व रिपोर्ट मार्च तक सभी ने दे दियां लेकिन मार्च से नवम्बर आ गया, लेकिन पैसा नही आया. अगले वर्ष हम सरकार के साथ काम कर सके इसके लिए हमारे भुकतान को प्रार्थमिकता मिलनी चाहिए. जहां तक मेरी समझ है उत्तर प्रदेश सरकार ने विभाग को पैसे नहीं भेजी तबतक नगरीय निकाय चुनाव आ गया. अब शायद कोई आदेश आया है जिससे उम्मीद जगी है. हम सभी ठेकेदार पहले ही समस्याओं से घिरे है क्योंकि जो काम हमने शुरू किया, उसे अक्टूबर से मार्च तक देना होता है. जो खर्च जिसमे लेबर और कास्टिंग लगता है हमारी भुकतान से ही आती है. लेकिन इस बार पेमेंट नही हुआ. लेबर काम किया है तो उसे पमेंट चाहिए इसलिए हम लोग कर्ज लेकर उनका भुकतान किया. लेकिन हमारे पैसे नही मिलने से अब समस्या बढ़ गई क्योकि जो लाभ होने थे वे कर्ज चुकाने में चले जाएंगे.”

इस सम्बंध में जब कुशीनगर जिले के सिचाई विभाग के एक्सईएन वी. राम से बात की गई तो उन्होंने ठेकेदारों के आरोपों को खारिज किया. वहीं कुशीनगर जिले में देवरिया की भुकतान स्थिति ज्यादा बेहतर बताई.

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