नई दिल्ली। राज्यसभा में 12 सांसदों के निलंबन एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को संसद से लेकर विजय चौक तक मार्च निकाला।

दरअसल लखीमपुर खीरी मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ विपक्ष हमलावार रुख अपनाए हुए है। शीतकालीन सत्र के 17वें दिन एक बार फिर विपक्ष ने संदन के अंदर और बाहर दोनों जगह इस मामले को लेकर सरकार पर आक्रमक रुख अपनाया। मंगलवार को अजय मिश्रा टेनी को लेकर विपक्ष ने पैदल मार्च निकाल कर उनके इस्तीफे की मांग की।

मार्च में शामिल हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी विपक्षी सांसदों के साथ गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च में हिस्सा लिया और कहा, विपक्ष एक बार फिर लखीमपुर खीरी की घटना को उठा रहा है। एक मंत्री के बेटे ने किसानों की हत्या की है, रिपोर्ट में इसे साजिश बताया गया है। प्रधानमंत्री इस मामले पर कुछ नहीं करते। वे किसानों से माफी मांगते हैं, लेकिन मंत्री को नहीं हटा रहे हैं। हम उन्हें नहीं बख्शेंगे, आज नहीं तो कल हम उन्हें जेल भेज कर रहेंगे।

वहीं टीएमसी सांसद डोला सेन ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हर दिन सदन की गरिमा को कम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त करने और डीमोनिटाइजेशन पर एकतरफा घोषणाएं ही की गईं हैं। इन मामलों पर सदनों में विचार नहीं किया गया। बिना चर्चा के 10 मिनट में बिल पास हो जाते हैं। जब वे हमें बोलने का मौका नहीं देते, तो हम चिल्लाते हैं, नारे लगाते हैं।

वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि किसानों के साथ हिंसक व्यवहार हुआ। हम केंद्र की मोदी सरकार से इस मामले में दोषी केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग करते हैं।

गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के समाप्त होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार अन्य कुछ विधेयकों को जल्द से जल्द पास करवाना चाहती है। लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है। इस बीच मंगलवार को मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान को रोकने से संबंधित चुनाव सुधार (संशोधन) विधेयक 2021 को राज्यसभा में पेश किये जाने को लेकर भी विपक्ष केंद्र पर हमलावर है। तमाम विपक्षी दलों ने इस बिल का सदन में और पैदल मार्च के दौरान भी विरोध किया।

इससे पहले राजयसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड्गे के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने बैठक की आगामी सत्र को लेकर सदन के तमाम मुद्दों को लेकर रणनीति बनाई।