आशुतोष तिवारी, रीवा। जिले के सेमरिया विधानसभा अंतर्गत हर्दी के रहट गांव में तालाब की मेढ़ पर बने मकान को हाईकोर्ट के आदेश से तोड़ दिए गए। प्रशासन की इस कार्रवाई से 100 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि आधा दर्जन पीएम आवास को भी तोड़ दिए गए। कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है, जो लोग पात्र हैं, उनको हम अन्यत्र बसाने की व्यवस्था करेंगे। गांव वालों का कहना है, जब जमीन ही गलत थी तो सरपंच और सचिव ने हमें पैसे क्यों दिए, उन पर कार्रवाई कब होगी। गांव वाले जानना चाहते हैं, कितने मकान अवैध बने थे, क्या सारे मकान को तोड़ने के लिए कोर्ट ने कहा था। हमें शिकायत उनसे है जिन्होंने हमें सरकारी पैसा दिया था।
गांव वालों का कहना 10 घरों को नोटिस मिला था, लेकिन 23 मकान तोड़ दिए गए। सामान निकालने का भी मौका नहीं दिया। ठंड का मौसम आ रहा है, छत चली गई। तिरपाल से काम चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिनको नोटिस मिला था, उन्होंने अपने सामान निकाल लिए थे और जिन्हे नोटिस नहीं मिला उनको सामान निकालने का मौका भी नहीं दिया। कुछ लोग ऐसे है जिनके माता-पिता नहीं है। मजदूरी करके दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते थे। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है। तिरपाल के नीचे रखे सामान को छोड़कर मजदूरी करने नहीं जा सकते। दो वक्त की रोटी का इंतजाम कहां से होगा यह चिंता सता रही है।
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