अमित शर्मा, श्योपुर। बिजली कंपनी द्वारा किसानों के ऊपर की जा रही एफआईआर के विरोध में बुधवार को किसान सड़क पर उतर आए। विरोध रैली के साथ किसान बिजली कंपनी के महाप्रबंधक कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया। किसानों पर दर्ज प्रकरणों को वापस लिए जाने की मांग की।

किसानों का आरोप है कि, बिजली कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी उनके ट्यूबवेलों पर गलत तरीके से ओवरलोड़ के केस बनाकर उन्हें जेल भेज रहे हैं। इसके अलावा बिजली के बिल भी बढ़ाकर दिए जा रहे हैं। इससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने राज्यपाल के नाम तहसीलदार और बिजली कंपनी के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने अल्टीमेटम दिया है कि मुकदमों को वापस लिया जाए और बिलों में सुधार किया जाए नहीं तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अतुलसिंह चौहान सहित किसान मौजूद रहे।

बिजली कंपनी के महाप्रबंधक आरके अग्रवाल का कहना है कि, जिस तरह की शिकायत की जा रही है, उसकी जांच भोपाल से आई टीम पिछले 3 दिनों से कर रही है। रही बात शिकायतों की तो किसानों की जो भी शिकायतें हैं उनका निराकरण भी किया जा रहा है।

ABVP ने स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय में किया प्रदर्शन

कपिल शर्मा, हरदा। शहर के स्वामी शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय परिसर में विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य के कक्ष के सामने बैठकर प्रदर्शन किया। इस दौरान ABVP के कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर नारेबाजी की गई।

7 मार्च को विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय की प्राचार्या को एक ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में कॉलेज परिसर में स्वामी जी की प्रतिमा स्थापित किए जाने की मांग की थी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में युवाओं के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। जिन्होंने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रसार पूरे विश्व में किया। ऐसे महान दार्शनिक असाधारण व्यक्ति स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा महाविद्यालय परिसर में स्थापित होनी चाहिए। विद्यार्थी परिषद के प्रदेश पदाधिकारी भूपेंद्र सिंग तोमर ने बताया कि हरदा शहर के एकमात्र शासकीय महाविद्यालय का नाम तो शासन ने स्वामी विवेकानंद के नाम से रख दिया है, लेकिन यहां पर आज तक प्रतिमा स्थापित नहीं हो पाई है। जिस पर उन्होंने 7 दिनों के भीतर कार्यवाही करने की बात कही गई थी, लेकिन 10 दिनों बाद भी अब तक इस विषय को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इधर महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. संगीता बिले का कहना है कि छात्रों ने 7 मार्च को एक ज्ञापन दिया था, जिस पर 11 मार्च को एक बैठक आयोजित कर समिति बनाई गई है। समिति जो अनुशंसा करेगी, उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

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