दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियां हर साल हजारों लोगों को अपनी चपेट में लेती हैं. जहां मलेरिया का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है, वहीं डेंगू (Dengue)अब भी सबसे घातक साबित हो रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, इसका सबसे बड़ा खतरा बच्चों और युवाओं पर मंडरा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस साल अब तक 315 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है और हर हफ्ते औसतन 20 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं. अधिकारियों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में संक्रमण और तेजी से फैल सकता है, जिससे हालात और चिंताजनक हो सकते हैं.

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संक्रमण में लगातार इजाफा

स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अब तक डेंगू के 315 मामले सामने आ चुके हैं और प्रति सप्ताह औसतन 20 से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं. पिछले सप्ताह ही 24 नए मामले दर्ज किए गए थे. विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून सीजन और जगह-जगह पानी जमने से मच्छरों के प्रजनन स्थलों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

मलेरिया भी चिंता का कारण

डेंगू के साथ-साथ मलेरिया के 148 मामले भी अब तक दर्ज किए जा चुके हैं. लगातार बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ा दी है.

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बचाव ही कारगर उपाय

चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को अपने घरों और आसपास पानी जमा नहीं होने देना चाहिए. कूलर और गमलों का पानी समय-समय पर बदलना, पूरी बाजू के कपड़े पहनना और मच्छरदानी का इस्तेमाल करना जरूरी है.

निगम का अभियान जारी

दिल्ली नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने एंटी-लार्वा स्प्रे अभियान तेज करने का दावा किया है. निगम अधिकारियों का कहना है कि जनता के सहयोग के बिना इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल है.

तीन साल में 1591 लोगों की जान ले गया डेंगू

मृत्यु पंजीकरण की रिपोर्ट बताती है कि पिछले तीन वर्षों में दिल्ली में डेंगू से 1591 लोगों की मौत हुई. इनमें सबसे अधिक 50.72 प्रतिशत पीड़ित 15 से 44 वर्ष आयु वर्ग के रहे, जबकि 24.26 प्रतिशत मृतक 14 वर्ष तक के बच्चे थे. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों और युवाओं में यह बीमारी अधिक खतरनाक साबित होती है.

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सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि डेंगू के चार अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं. किसी एक स्ट्रेन से संक्रमित होने के बाद उसके प्रति एंटीबॉडी बन जाती है, इसलिए दूसरी बार उसी स्ट्रेन का संक्रमण नहीं होता. लेकिन जब दूसरी बार दूसरे स्ट्रेन का संक्रमण होता है, तो शरीर को नए वायरस से लड़ना पड़ता है. इसी तरह तीसरी और चौथी बार में भी अलग-अलग स्ट्रेन से संक्रमण होता है. अधिक उम्र के लोगों में समय के साथ डेंगू के सभी स्ट्रेन के प्रति एंटीबॉडी विकसित हो जाती है. वहीं बच्चों और युवाओं में चारों वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा नहीं बन पाती, इसलिए उनके लिए डेंगू ज्यादा जानलेवा साबित होता है.

ऐसे बचाव करें

घर के आसपास पानी न जमने दें और सफाई रखें.

मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए दवा का छिड़काव करें.

पूरे बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

निगम प्रशासन की कार्रवाई

9 अगस्त तक दो करोड़ 53 लाख से ज्यादा घरों का निरीक्षण.

1.14 लाख घरों में मच्छर प्रजनन की पुष्टि.

85 हजार से अधिक चालान उल्लंघनकर्ताओं पर जारी.

7 लाख से ज्यादा घरों में दवा का छिड़काव किया गया.

जलभराव से बढ़ा खतरा

राजधानी में हाल की बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव की समस्या ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. उत्तर पश्चिमी दिल्ली के बेगमपुर, सिंघू गांव, किराड़ी, नांगलोई, मुंडका और नरेला जैसे क्षेत्रों में जमा पानी से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा और बढ़ गया है.

निगम की कार्रवाई

दिल्ली नगर निगम ने दावा किया है कि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अभियान चलाया जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार, निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के तहत मलेरिया इंस्पेक्टर, घरेलू प्रजनन जांचकर्ता और एमटीएस कर्मचारियों को सभी जोनों में मच्छर प्रजनन की जांच और रोकथाम के निर्देश दिए गए हैं.