सत्या राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ में प्रदेशभर के डीईओ और मॉडल शिक्षक लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं. सभी डीईओ को RTE के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों में RTE सीटों की जानकारी मांगी गई है पर अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. अब अंतिम रिमाइंडर आदेश जारी किया गया है. इसमें सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर RTE सीटों की जानकारी नहीं दी गई तो संबंधित डीईओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले को लेकर शिक्षाविदों और पालक संघ का कहना है कि पाेल खुल जाने के डर से डीईओ जानकारी नहीं दे रहे.

बता दें कि लोक शिक्षण संचालनालय ने जिले में पंजीकृत विद्यालय, नोडल द्वारा सत्यापित शालाओं की संख्या, डीईओ द्वारा स्वीकृत स्कूलों की संख्या और निरस्त स्कूलों की संख्या की जानकारी मांगी है. इस आदेश का किसी ने गंभीरता से पालन नहीं किया है. लोक शिक्षण संचालनालय से दूसरी बार रिमाइंडर पत्र जारी किया गया पर 33 जिलों के प्रभारी DEO अब तक जानकारी नहीं दे पाए हैं.

पोल खुलने का डर

इस मामले को लेकर पैरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि नोडल प्राचार्य अपने कमरे में बैठकर स्कूलों को सत्यापित करते हैं. स्कूलों में आरटीई के तहत कितने बच्चों का एडमिशन हुआ और कितने वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं, इसकी भौतिक सत्यापन नहीं होती पर सभी बच्चों का निर्धारित भगुतान स्कूलों को जरूर होता है. ऐसे में अब सवाल उठाया गया है कि जिला शिक्षा अधिकारियों को डर है कि कही जानकारी देने से पोल न खुल जाए.

डीपीआई का नहीं सुन रहे डीईओ

शिक्षाविदों ने कहा, लोक शिक्षण संचालनालय से जारी पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यदि निर्धारित समय में काम पूरा नहीं होता है और द्वितीय लाटरी में व्यवधान उत्पन्न होता है तो संबंधित जिला अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इससे साफ है कि डीपीआई के आदेश का सभी जिलों के डीईओ को कोई परवाह नहीं है.